इसमें सात कहानियां हैं - दिखावा लाइव, खोज, लव डांवाडोल, रात पहेली, फैसला, चांद पास है और पताका। ये मानवीय रिश्तों की बहुरंगी कहानियां हैं। इनमें से कई कहानियां हिंदी की जानी-मानी पत्रिकाओं और अखबारों में छपकर चर्चा में रही हैं।
मूलत: जयपुर की रहने वाली इरा टाक देश विदेश में विख्यात चित्रकार हैं, और वर्तमान में मुंबई में रहते हुए पेंटिंग, लेखन और फिल्ममेकिंग कर रही हैं। “रात पहेली” उनकी तीसरी किताब है। इससे पहले उनके दो कविता संग्रह प्रकाशित चर्चित रहे हैं। उन्होंने किताब के प्रचार के लिए प्रोमो भी बनाया है जो इस लिंक पर जा कर यूट्यूब पर देखा जा सकता है।