हिंदी दिवस पर जानिए हिंदी के बारे में क्या कहते हैं विद्वान

यहां पढ़ें हिंदी के बारे में 15 विद्वानों के विचार-Hindi Diwas Quotes

• हिंदी के विरोध का कोई भी आंदोलन राष्ट्र की प्रगति में बाधक है। -सुभाषचंद्र बोस
 
• हिंदी द्वारा सारे भारत को एक सूत्र में पिरोया जा सकता है। -स्वामी दयानंद
 
• मेरा आग्रहपूर्वक कथन है कि अपनी सारी मानसिक शक्ति हिंदी के अध्ययन में लगाएं। -विनोबा भावे 
 
• भाषा ही राष्ट्र का जीवन है। -पुरुषोत्तमदास टंडन
 
• हिंदी भारतीय संस्कृति की आत्मा है। -कमलापति त्रिपाठी

 
• हिंदी चिरकाल से ऐसी भाषा रही है जिसने मात्र विदेशी होने के कारण किसी शब्द का बहिष्कार नहीं किया। -डॉ. राजेंद्रप्रसाद
 
• मैं दुनिया की सब भाषाओं की इज्जत करता हूं, परंतु मेरे देश में हिंदी की इज्जत न हो, यह मैं नहीं सह सकता। -विनोबा भावे
 
• जब हम अपना जीवन जननी हिंदी, मातृभाषा हिंदी के लिए समर्पण कर दें तब हम हिंदी के प्रेमी कहे जा सकते हैं। -गोविंददास

 
• आप जिस तरह बोलते हैं, बातचीत करते हैं, उसी तरह लिखा भी कीजिए। भाषा बनावटी नहीं होनी चाहिए। -महावीर प्रसाद द्विवेदी 
 
• हिंदी भाषा की उन्नति के बिना हमारी उन्नति असंभव है। -गिरधर शर्मा
 
• आर्यों की सबसे प्राचीन भाषा हिंदी ही है और इसमें तद्भव शब्द सभी भाषाओं से अधिक है। -वीम्स साहब
 
• हिंदी भारतवर्ष के करोड़ों नर-नारियों के हृदय और मस्तिष्क को खुराक देने वाली भाषा है। -हजारीप्रसाद द्विवेदी 
 
• विदेशी भाषा में शिक्षा होने के कारण हमारी बुद्धि भी विदेशी हो गई है। -माधवराव सप्रे
 
• हिंदी पर ना मारो ताना, सभा बतावे हिंदी माना। -नूर मुहम्मद
 
• हिंदी किसी के मिटाने से मिट नहीं सकती। -चंद्रबली पांडेय

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