1. हृदय की कोई भाषा नहीं है,
ह्रदय-ह्रदय से बातचीत करता है
और हिंदी ह्रदय की भाषा है।
- महात्मा गांधी
2. निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल
बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।।
6. बोलचाल की भाषा में अछूत प्रथा नहीं मानना चाहिए। बोलचाल की भाषा में जो अंग्रेजी शब्द आ गए हैं, उन्हें हिन्दी मान लेना चाहिए। हिन्दी को अधिक से अधिक दूसरी भाषाओं के शब्द भी लेना चाहिए। तब हिन्दी समृद्ध होगी।