हिंदी दिवस पर पढ़िए स्वरचित कविता

शनिवार, 7 सितम्बर 2024 (14:44 IST)
-रिया मोरे 
 
शीर्षक- "कविता"
 
गर्मी में पूनम कि ठंडक 
सर्दी में तप्ती कविता, 
 
कर्म, योग,शोणित से सिंचित 
धर दिव्य रूप चलती कविता ,
 
निर्मल चंचल मखमल कोमल 
नेह का सागर है कविता ,
 
अटल अनल अविचल पल पल ही 
प्रेम का गागर है कविता ,
 
सुंदरता श्रंगार सती का 
कुमकुम बिंदी है कविता ,
 
मोहक हर इक बोली में पर 
देह से हिंदी है कविता ,
 
आखर-आखर जोड़ती बनती 
नेहरों का है जल कविता ,
 
संरचना दैविक भाषा की 
पहरों का है हल कविता ,
 
शत्रु को छलनी कर देती 
तप कि ज्वाला है कविता ,
 
भावों का सिंधु बन कर फिर 
जप कि माला है कविता ,
 
रोला दोहा छंद सोरठा
झूमता सावन है कविता ,
 
वीणा के तानों कि धवनी 
कितनी पावन है कविता ,
 
कितनी पावन है कविता।। 
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