अत: सभी बच्चों को अपने पिता का ज्यादा से ज्यादा और अच्छा ख्याल रखना चाहिए, ताकि बुढ़ापे के समय में जब सबसे ज्यादा उन्हें अपने बच्चों की जरूरत होती है, और वे चाहते हैं कि उनका बच्चा इस उम्र में उनकी लाठी बने, तब यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि उन्हें हमारे ओर से कोई भी परेशानी ना हो, और जीवन के अंतिम पलों तक उनका यूं ही उनका साथ निभाते रहना ही पिता की सच्ची सेवा है।