एक बार घोंचूजी की पत्नी मंदिर गई और मन्नत का धागा बांधने के लिए हाथ उठाए...
...फिर कुछ सोच कर मन्नत का धागा बांधे बिना ही हाथ नीचे कर लिए।
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घोंचूजी- यह क्या? मन्नत नहीं मांगी तुमने ??
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पत्नी- जी, मांगने ही लगी थी कि ईश्वर आपकी तमाम मुश्किलें दूर कर दें.......
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