CORONA JOKE : तिवारी जी की Smartness धरी रह गई

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ट्रेन झांसी से लुधियाना की तरफ रवाना होनी थी। 
 
रात दस बजे सभी डिब्बे खचाखच भर गए। 
 
तिवारी जी भी चढ़ गए। जब उन्हें बैठने तक की जगह नहीं मिली तो उन्हें एक उपाय सूझा। 
 
उन्होंने टॉयलेट जा कर मुंह पर रुमाल बांधा और वापस आकर धड़ाधड़ तीन चार छींक मार दी। 
 
यात्री लोग डर के मारे सामान सहित उतर कर दूसरे डिब्बों में जाने लगे। अब वे ठाठ से, एक ख़ाली हुई ऊपर वाली सीट पर, बिस्तर लगा कर लेट गए। दिन भर के थके थे सो जल्दी ही नींद भी आ गई।
 
सवेरा हुआ और "चाय, चाय" की आवाज से नींद खुली। 
 
गाड़ी स्टेशन पर खड़ी थी। बाहर निकले, चाय ली और चाय वाले से पूछा :- 
"कौन सा स्टेशन है?
"
चाय वाले ने बताया, "झांसी" है।
 
तिवारी जी ने डांट कर कहा :"अबे, “झांसी" से तो रात को चले थे !
"
चाय वाला :: “इस डिब्बे में कोई CORONA का मरीज़ चढ़ आया था 
इसलिए इस डिब्बे को यहीं काट दिया गया !!!!!!!!

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