डरावना चुटकुला : ड्राइविंग सीट पर कोई नहीं है...

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एक आदमी घर लौट रहा था..
रास्ते में गाड़ी खराब हो गयी...
रात काफी थी..
एकदम घना अंधेरा था...
मोबाईल का नेटवर्क भी नहीं था....
उसकी हवा खराब...
ना कोई आगे ना दूर दूर तक कोई पीछे ...
अब उसने गाड़ी साइड में लगा दी और लिफ्ट के लिए किसी गाड़ी का इंतेजार करने लगा...
 
काफी देर बाद एक गाड़ी बहुत धीमे-धीमे उसकी ओर बढ़ रही थी..
उसकी जान में जान आई ...
उसने गाड़ी रोकने के लिए हाथ दिया ...
गाड़ी धीरे धीरे रूक रूक कर उसके पास आई...
उसने गेट खोला और झट से उसमें बैठ गया
लेकिन अंदर बैठकर उसके होश उड़ गए...
गला सूखने लगा... 
आंखें खुली रह गई ...
छाती धड़कने लगी...
उसने देखा कि ड्राइविंग सीट पर कोई नहीं है...
गाड़ी अपने आप चल रही थी ...
एक तो रात का अंधेरा ...ऊपर से यह खौफनाक दृश्य ...
उसको समझ नहीं आ रहा था अब क्या करूं ..
बाहर जाऊं की अंदर रहूं
वो कोई फैसला करता की सामने रास्ते पर एक मोड़ आ गया ...
तभी दो हाथ उनके बगल वाले कांच पर पड़े और गाड़ी मुड़ गई ..
 
और फिर हाथ गायब ...
अब तो उसकी सिट्टी पिट्टी गुम हो गई..
हनुमान चालीसा शुरू कर दी...अंदर रहने में ही भलाई समझी ...
गाड़ी धीरे धीरे ..रूक रूक कर आगे बढ़ती रही ...
तभी सामने पेट्रोल पंप नजर आया ...
गाड़ी वहां जाकर रूक गई ...
उसने राहत की सांस ली और तुरंत गाड़ी से उतर गया ..
पानी पिया 
इतने में उसने देखा एक आदमी गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर बैठने के लिए जा रहा है..
वह दौड़ते हुए  उसके पास पहूंचा और उससे कहा "इस गाड़ी में मत बैठो ...मैं इसी में बैठकर आया हूं ... इसमें भूत है... 
 
उस आदमी ने उसके गाल पर झन्नाटेदार थप्पड़ जड़ा और कहा... अबे साले... तु बैठा कब रे इसमें? 
...तभी मैं सोचूं गाड़ी एकदम से भारी कैसी हो गई
यह मेरी ही गाड़ी है...पेट्रोल खतम था तो 5 कि.मी. से धक्का मारते हुए ला रहा हूं.... 
 

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