किरण ने अनुपम खेर के शुरुआती सफर को याद करते हुए कहा, अनुपम का सफर एक छोटे से शहर शिमला से शुरू हुआ, जहां उनका एक सपना था और सिनेमा के प्रति गहरा प्यार। उन्होंने अपनी पहचान बनाने के लिए तमाम कठिनाइयों का सामना किया। शुरुआती दौर में उन्हें ऐसे किरदार निभाने पड़े जिन्हें दूसरे कलाकार ठुकरा देते थे। पर, कठिनाइयों के बावजूद अनुपम कभी रुके नहीं।
नेटफ्लिक्स और YRF एंटरटेनमेंट द्वारा प्रस्तुत 'विजय 69' अनुपम खेर के करियर का एक अहम पड़ाव है, जो उनके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में विकास का प्रतीक है। किरण ने बताया कि कैसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी अनुपम ने अपनी लगन को कभी कम नहीं होने दिया। उन्होंने कहा, संकटों के बावजूद अनुपम ने खुद पर विश्वास बनाए रखा। 40 साल बाद भी वे उसी जोश और जुनून के साथ अभिनय कर रहे हैं।
फिल्म में अनुपम ने एक ऐसा किरदार निभाया है जो संजीदगी और संघर्ष को दर्शाता है, जो उनके वास्तविक जीवन से भी मेल खाता है। किरण ने कहा, उनका एक अभिनेता और इंसान के रूप में यह विकास देखना अद्भुत है। उनके काम के प्रति प्यार और समर्पण ही उन्हें सबसे अलग बनाता है।
विजय 69 में दृढ़ता और चुनौतियों का सामना करने का विषय प्रमुखता से दर्शाया गया है, जो अनुपम के जीवन के अनुभवों से भी मेल खाता है। किरण ने कहा, “संघर्षों को अवसर में बदलने की उनकी क्षमता ही उनकी असली विरासत है।"
विजय 69 के साथ अनुपम खेर ने फिर से साबित कर दिया है कि वे भारतीय सिनेमा के सबसे प्रिय और स्थायी अभिनेताओं में से एक क्यों हैं। किरण ने गर्व के साथ कहा, उनकी सफलता सिर्फ उनकी प्रतिभा के कारण नहीं, बल्कि उनके जुनून और कभी हार न मानने के जज़्बे के कारण है।