जब तानसेन गाना गाते थे तब हिरण मुग्ध हो जाया करते थे... ऐसा ही कुछ वाकया कल मेरे साथ हुआ।
मैं और मेरी पत्नी जोर-जोर से बहस कर रहे थे!
पत्नी चिढ़ गई और मुझ पर चिल्ला रही थी!
तभी हमारा पड़ोसन बालकनी में आई और जोर-जोर से गाने लगी,
"कोई जब तुम्हारा हृदय तोड़ दे...
तब तुम मेरे पास आना...
मेरा घर खुला है, खुला ही रहेगा...
तुम्हारे लिए...."
मानो जादू की छड़ी घुमा गई और पत्नी एकदम शांत हो गई, बालकनी का दरवाजा जोर से बंद हुआ और कुछ ही देर में किचन से चाय और पकौड़े लेकर हाजिर हो गई... फिर भोत मीठी मीठी बातें हुईं....