सिपाही कुंवे में रस्सा फेंकते, जैसे ही कर्नल साहब ऊपर आते, सिपाही रस्सी छोड़ कर कर्नल साहिब को सलूट करते, तो कर्नल कुएं में गिर जाते।
एक अनुभवी सैनिक ने सलाह दी कि एक ब्रिगडीर साहब को तकलीफ देते हैं ताकि उन्हें सलूट ना करना पड़े। एक ब्रिगडीर को बुलाया गया। ब्रिगडीर साहब ने रस्सी फेंकी। कर्नल साहब ने रस्सी पकड़ी और ब्रिगडीर साहब खींचने लगे। कर्नल साहब जैसे ही किनारे पर पहुंचे, उनकी नज़र ब्रिगडीर साहब पर पड़ी, कर्नल साहब ने रस्सा छोडकर ब्रिगडीर साहब को सलाम किया और फिर कुएं में गिर गए। यह बार बार हुआ।
आख़िरकार कर्नल साहब की आवाज़ कुएं से आई।
"'कमबख्तों, एक batch mate को बुलाओ''
Moral of the story:-
Batch mate bahut jaruri hai kyonki wo hi aapki jaan bacha sakte hain Dedicated to Classmates