माननीय उप-मुख्यमंत्री ने किताब को लेने के बाद एक ट्वीट करके कहा कि साहित्यिक जगत में अभूतपूर्व योगदान देने वाली संस्था भारतीय ज्ञानपीठ के प्रतिनिधि और 'भारतनामा' किताब की लेखक प्रभाकिरण जैन जी से मुलाकात हुई, उन्होंने 'भारतनामा' की एक कॉपी भी भेंट की। हमारे देश के नाम 'भारत' की उत्पत्ति पर लिखी इस किताब को जल्द पढ़ने के लिए बहुत ही उत्सुक हूं।
डॉ. प्रभाकिरण जैन ने कहा कि लम्बे अरसे बाद किसी राजनीतिज्ञ को शैक्षणिक, साहित्यिक एंव सांस्कृतिक विषयों पर जानकारी होने के साथ-साथ नई जानकारियों के प्रति सजग एवं सचेत हो पूरे मनोयोग से संज्ञान लेते देख हार्दिक प्रसन्नता हुई। इसके लिए मैं माननीय सिसोदियाजी को अनेकानेक शुभकामनाएं देती हूं।
उन्होंने कहा कि हमारा देश वास्तव में कब, क्यूं और कैसे भारत कहलाया और हम पाठ्यक्रमों में क्या पढ़ रहे हैं इस विषय पर प्रामाणिक जानकारी हासिल करने की उनकी रुचि मेरे साथ पुस्तक भेंट करने गए संयम जैन और देबव्रत गोस्वामी के मानस पर भी सदैव अंकित रहेगी।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में प्रकाशित हुई 'भारतनामा' पुस्तक में देश के जाने-माने धर्मगुरुओं, पुरातत्ववेत्ताओं, विचारकों, शिक्षाविदों, इतिहासकारों, राजनीतिज्ञों, आचार्यों, साहित्यकारों व संपादकों के शोधपूर्ण लेख संकलित हैं जिसमें आपको प्रमाणों सहित भारत के नामकरण की जानकारी मिलेगी।