अच्छी भोजपुरी फिल्मों के निर्माण में तेजी आए :प्रधानमंत्री मॉरिशस

WD Feature Desk

सोमवार, 13 मई 2024 (16:49 IST)
Bhojpuri Culture in Mauritius
मॉरिशस सरकार के कला और संस्कृति विरासत मंत्रालय की ओर से 6 से 8 मई 2024, को अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी महोत्सव का आयोजन लॉन्ग बीच मॉरिशस के पांच सितारा होटल में किया गया।
 
इस महोत्सव का उद्घाटन मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ और समापन राष्ट्रपति पृथ्वीराज सिंह रूपन ने किया। स्वागत भोजपुरी स्पीकिंग यूनियन की चेयरपर्सन डॉ. सरिता बुधू ने की। कला और संस्कृति विरासत के मंत्री अविनाश तिलक के सक्रिय सहयोग से इस आयोजन में अमेरिका, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका, नाइजीरिया, सिंगापुर, फिजी, सूरीनाम, नेपाल और भारत के अनेक विद्वानों ने भाग लिया और विभिन्न विषयों पर पेपर पढ़ा।
 
प्रधानमंत्री ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि इस महोत्सव से अच्छी भोजपुरी फिल्मों के निर्माण में तेजी आएगी। गीत-गवाई का जिक्र करते हुए उन्होंने श्लील गीतों के निर्माण पर जोर दिया।
 
सत्रह सत्रों में बंटे इस तीन दिवसीय महोत्सव में एक सत्र भोजपुरी सिनेमा पर भी था जिसने भारत से पधारे भोजपुरी सिनेमा के इतिहासकार मनोज भावुक ने न सिर्फ भोजपुरी सिनेमा के इतिहास पर व्याख्यान दिया वल्कि 1931 से 2023 के सिनेमाई सफर पर अपनी बनाई एक डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई।
 
मनोज इस महोत्सव में मॉरिशस सरकार के निमंत्रण पर बतौर रिसोर्स पर्सन और पैनलिस्ट आये थे।
 
मनोज ने बताया कि पहली बार किसी देश की सरकार ने भोजपुरी महोत्सव का आयोजन किया। 2019 में प्रवासी सम्मेलन बनारस में प्रधानमंत्री मॉरिशस ने इस महोत्सव की घोषणा की और कोविड की वजह से टलते-टलते 2024 में हो पाया। प्रधानमंत्री की इस घोषणा के बाद 2020 में ही मनोज भावुक ने इस आयोजन के लिए भोजपुरी जंक्शन का 'गिरमिटिया विशेषांक' प्रकाशित किया जिसमें भारत के साथ मॉरिशस के लेखकों ने भी अपना योगदान दिया। यह अंक प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, कला व संस्कृति विरासत मंत्री समेत तमाम गणमान्य लोगों को भेंट किया गया।
 
महोत्सव में अनेक रिसोल्यूशन पास हुए। गायकों ने गीत-संगीत की शानदार प्रस्तुति दी और चार दर्जन से अधिक विद्वानों ने आलेख पाठ किया। दुनिया के सभी भोजपुरी देशों को एक सूत्र में बांधने व संस्कृति को साझा करने की बात की गई।
ALSO READ: बेहूदगी का आरोप लगाकर जिस सआदत हसन मंटो पर कई मुकदमे दर्ज किए, आज उसे इफ़रात में क्‍यों पढ़ा जा रहा है?

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी