काव्य संग्रहों में गीत चतुर्वेदी की 'न्यूनतम मैं', दिनेश कुशवाह की 'इतिहास में अभागे', आर. चेतनक्रांति की 'वीरता पर विचलित', प्रेम रंजन अनिमेष की 'बिना मुंडेर की छत', राकेश रंजन की 'दिव्य कैदखाने में', विवेक निराला की 'धुव्र तारा जल में', सविता भार्गव की 'अपने आकाश में', समर्थ वशिष्ठ की 'सपने मे पिया पानी' ,मोनिका सिंह की 'लम्स', प्रकृति करगेती की 'शहर और शिकायतें' और पवन करण की 'इस तरह मैं' का लोकपर्ण आलोचक नामवर सिंह द्वारा राजकमल प्रकाशन के पंडाल पर हुआ। उपस्थिति लेखकों ने अपने-अपने किताबों से कुछ अंश लोगों सामने पस्तुत किए।
इस मौके पर नामवर सिंह ने कहा "पुस्तक मेले में अक्सर में हर साल आता हूं, मुख्य रूप से अपने प्रकाशन संस्थान राजकमल प्रकाशन, मेरी सारी किताबें यही से प्रकाशित हुई हैं, हिंदी साहित्य के क्षेत्र में राजकमल सर्वोच्च माना गया है, साथ ही उन्होंने ने लेखकों को अपनी तरफ से उनके उपन्यासों के लिए बधाई दी।"