संगीत एक ऐसी कला है, जिसमें संयमित सुर न केवल आवाज़ को तराशते हैं, बल्कि जीवन को संयमित भी करते हैं। इसे सुनकर आत्मिक शांति का अनुभव करना जितना सरल है, उतना ही कठिन इसे जीवन में उतारना है। लेकिन संगीत का सान्निध्य मात्र ही शरीर से लेकर, मन और आत्मा को तृप्त कर एक तरह की संपूर्णता का एहसास कराता है। इसीलिए जब जीवन में संगीत मिल जाता है, तो किसी और वस्तु को पाने की कामना नहीं रह जाती।