इरा टाक की एकल चित्र प्रदर्शनी ''सिटी सागा'' 20 फरवरी से

इरा टाक जयपुर से एक स्वप्रशिक्षित आर्टिस्ट हैं। वर्तमान में वे मुंबई में स्वतंत्र चित्रकार और लेखक के रूप में काम कर रहीं हैं। बीएससी, एम.ए (इतिहास) और मास कॉम में पीजी डिप्लोमा करने के बाद कुछ समय उन्होंने टीवी पत्रकारिता की, पर मन की तलाश कुछ और थी। यही तलाश उन्हें रंगों और शब्दों की ओर खीच लाई।

2011 से उन्होंने पेंटिंग करना शुरू किया और उनका पहला काम सोशल साईट के जरिये न्यूयॉर्क (अमेरिका) में सेल हुआ, पेंटिंग से हुई पहली कमाई ने उन्हें जोश से भर दिया। उसके बाद वो सब कुछ छोड़ रंगों की दुनिया में उतर गईं।
 
2012 में उन्होंने जयपुर के जवाहर कला केंद्र में पहला सोलो शो किया, जो बहुत सफल रहा। उनके जलरंगों के कई काम यूरोप अमेरिका में सेल हुए।
2013-14 में ललित कला अकादमी नई  दिल्ली की राष्ट्रीय प्रदर्शनी के लिए उनका काम चयनित हुआ, जो एक नए स्व-प्रशिक्षित कलाकार के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि थी। अब तक वो छह एकल प्रदर्शनी और कई ग्रुप शो कर चुकी हैं। उनके दो काव्य संग्रह आ चुके हैं और एक कहानी संग्रह रात पहेली इस साल विश्व पुस्तक मेले में आया है। 2016 में अपनी ही कहानियों पर उन्होंने तीन शॉर्ट फिल्में भी बनी हैं जो फिल्म उत्सवों में दिखाई जा रही हैं।
 
उनका चौथा सोलो शो ललित कला अकादमी नई दिल्ली में दिसम्बर 2013 में हुआ। छठा सोलो शो जिसका टाइटल “पर्दा –द वेल्ड सागा” था, जयपुर में हुआ। इस शो में पेंटिंग्स के माध्यम से स्त्री जीवन की जटिलताओं को खूबसूरती से दिखाया गया।
 
ये उनकी सातवीं एकल प्रदर्शनी है, जिसका टाइटल “सिटी सागा” है। गांव से शहर और शहर का और बड़ा शहर हो जाना, हर शहर की अपनी एक कहानी होती है वो रंगों के जरिए दिखाने की कोशिश की गई है। ज्यादातर पेंटिंग्स मोनोक्रोम कलर में हैं। चटकीले रंगों का प्रयोग किया गया है। अपनी पेंटिंग्स के बारे में वो कहतीं हैं कि हर रंग का अपना एक मूड होता है, हर पेंटिंग अपने आप में एक कहानी है, उसे सुनने के लिए आपको उसके अंदर उतरना होगा। 
यह शो आर्ट प्लाजा, ओपन आर्ट गैलरी, फोर्ट, मुंबई में 20 फरवरी से 25 फरवरी तक सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगा। इसके अलावा इरा का आठवां सोलो शो होटल लीला, मुंबई में 12 से 16 मई होगा।

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