समय-चक्र की गति है जैसे, बहता अविरल पानी
आगामी कल के रहस्य की गाथा किसने पहचानी
एकाधिक-एकात्म मनुज की, मुखरित हो मंगलवाणी
अभिनव संकल्पों से प्रेरित, एकादश की शुभ अगवानी !!