✕
समाचार
मुख्य ख़बरें
राष्ट्रीय
अंतरराष्ट्रीय
प्रादेशिक
मध्यप्रदेश
छत्तीसगढ़
गुजरात
महाराष्ट्र
राजस्थान
उत्तर प्रदेश
क्राइम
फैक्ट चेक
ऑटो मोबाइल
व्यापार
मोबाइल मेनिया
ज्योतिष 2025
बॉलीवुड
बॉलीवुड न्यूज़
हॉट शॉट
मूवी रिव्यू
वेब स्टोरी
पर्यटन
आने वाली फिल्म
खुल जा सिम सिम
बॉलीवुड फोकस
आलेख
सलमान खान
सनी लियोन
टीवी
मुलाकात
धर्म-संसार
एकादशी
श्री कृष्णा
रामायण
महाभारत
व्रत-त्योहार
धर्म-दर्शन
शिरडी साईं बाबा
श्रीरामचरितमानस
आलेख
लाइफ स्टाइल
वीमेन कॉर्नर
सेहत
योग
NRI
मोटिवेशनल
रेसिपी
नन्ही दुनिया
पर्यटन
रोमांस
साहित्य
ज्योतिष
दैनिक राशिफल
रामशलाका
राशियां
आज का जन्मदिन
आज का मुहूर्त
लाल किताब
वास्तु-फेंगशुई
टैरो भविष्यवाणी
चौघड़िया
क्रिकेट
अन्य खेल
खेल-संसार
शेड्यूल
विधानसभा चुनाव
महाराष्ट्र
झारखंड
धर्म संग्रह
श्रीरामचरितमानस
मध्यप्रदेश
काम की बात
श्रीराम शलाका
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
चुटकुले
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
Hindi
English
தமிழ்
मराठी
తెలుగు
മലയാളം
ಕನ್ನಡ
ગુજરાતી
समाचार
ज्योतिष 2025
बॉलीवुड
धर्म-संसार
लाइफ स्टाइल
ज्योतिष
क्रिकेट
विधानसभा चुनाव
धर्म संग्रह
श्रीरामचरितमानस
मध्यप्रदेश
काम की बात
श्रीराम शलाका
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
कविता : बचपन का जमाना
Webdunia
- शिवानी गीते
बड़ा याद आता है वो बचपन का जमाना,
मां की गोद में सोना और दोस्तों संग पतंग उड़ाना,
छोटी-छोटी बातों पर एक दूसरे से रूठ जाना,
वो बट्टी बोल एक दूसरे को गले लगा फिर एक हो जाना,
वो भी क्या दिन थे जब हम मिट्टी में खेलते थे,
पेड़ों से आम तोड़ने के लिए, एक दूसरे पर खड़े हो एक दूसरे का बोझा भी झेलते थे,
खेलते थे खेल हम जो सभी बड़े निराले थे,
मस्ती में घूमते थे और कहते हमें सब मतवाले थे,
छोटी-सी साईकल होती थी हमारे पास,
और लेकर निकल पड़ते थे उसे हम कहीं दूर दराज।
बड़े से आंगन में खुले आसमान के नीचे नानी हमें कहानियां बड़ी सुनाती थी।
रात में भूत के नाम से हम उन्हें डराते और झूठ-मूठ में वो भी डर जाती थी।
गिल्ली डंडा, बर्फ पानी जैसे खेल तो अब पुराने हो गए,
भाग दौड़ भरी जिंदगी में हम अपनो अनजाने हो गए।
नानी की कहानी, दादी की डांट सुने तो जमाने हो गए,
वो भी क्या दिन थे, कहते- कहते हम जवानी में बचपन के दीवाने हो गए।
त्यौहार पर दादा दादी के पैर छुना पूराने रिवाज हो गए,
बैठ कर बचपन की यादें ताज़ा करते हुए ना जाने कितने इतवार हो गए।
उम्र बढ़ती रही और वो ना जाने मन में कहा खो गया,
वो हमारा बचपन है रुठ कर आंख मूंद कर सो गया।
आखिर एक ही तो है हमारा सबसे अनमोल खजाना,
बड़ा याद आता है वो बचपन का जमाना।
वेबदुनिया पर पढ़ें
समाचार
बॉलीवुड
ज्योतिष
लाइफ स्टाइल
धर्म-संसार
महाभारत के किस्से
रामायण की कहानियां
रोचक और रोमांचक
सम्बंधित जानकारी
नई कविता - खता हुई ही होगी मुझसे
स्वागत करिए नव-विहान का
हिन्दी कविता : बाएं हाथ का खेल
इक प्यार का दीप जलाया जाए...
कविता : सबने मना ली दिवाली
सभी देखें
जरुर पढ़ें
रसोई की इन 7 चीजों में छुपा है आपका स्किन ब्राइटनिंग सीक्रेट, तुरंत जानें इनके बेहतरीन फायदे
Health Alert : कहीं सेहत के लिए हानिकारक तो नहीं है सहजन की फली?
सॉफ्ट आटा गूंथने के 4 सही तरीके, रोटियां बनेंगी फूली हुई और मुलायम
आपके घर के किचन में छुपा है आयल फ्री त्वचा का राज, जानिए ये होममेड क्लींजर बनाने का तरीका
ऑफिस में बनाना चाहते हैं बढ़िया इमेज तो भूलकर भी ना करें ये गलतियां
सभी देखें
नवीनतम
इस विंटर सीजन अपनी खूबसूरती को बरकरार रखने के लिए ये 10 ब्यूटी टिप्स जरूर करें फॉलो
एक हफ्ते में कम करना चाहते हैं वजन तो ये डिटॉक्स डाइट अपनाएं, तुरंत दिखेगा असर
बदलते मौसम में एलर्जी की समस्या से हैं परेशान? राहत के लिए अपनाएं ये 5 आयुर्वेदिक उपाय
ठंड के सीजन में फटने लगी है त्वचा? तो अपनाएं सबसे असरदार और नैचुरल उपाय
भारतीय लोगों पेट के आस-पास चर्बी क्यों जमा हो जाती है? जानें कारण और समाधान
अगला लेख
बस यह 6 छोटे-छोटे काम करें जल्दी, आश्चर्यजनक रूप से धन में होगी वृद्धि