पंकज सिंह
बेटा बोला, ट्रक के पीछे लिखा होता है
जल्दी घर आना, पापा मम्मी याद करती है
इधर उधर मत देखना, मम्मी ऐतराज करती है
पहले सकपकाया, इसको कैसे पता है
वह बोली, किसने तुमको बताया
मैंने कहा, झूठ, बेटे से कहलवाया
खुश हो बोली, समझदार हो गया है
गृहस्थी के घोड़े की चाल समझने लगा है
पट्टा ना बांधो, घोड़ा रास्ता भटकने लगता है
तांगा कहीं से नहीं लाना गृहस्थी है
बेटे की मम्मी बोली, कहो कैसी रही