धर्म परोपकार, दान सेवा करने से धन नहीं घटना, देखो नदी सदैव बहती रहती है, परन्तु उसका जल घटना नहीं। धर्म करके स्वयं देख लो, कभी भी धन की धारा कम नहीं होगी।
कबीर, एक संत जो सालों पहले वह कह गए हैं जो आज भी प्रासंगिक है। धर्म के नाम पर आज जब राजनीति हिंसक हो चली है तब कबीर जयंती पर हम लाए हैं कुछ ऐसे दोहे जो पूरी ताकत से धर्म के दोगले चरित्र पर प्रहार करते हैं।