राहुल, यादव, माया-ममता, लालू और नीतीश,
खो गए सब मोदी की लंबी परछाई में।
चला प्रलाप महागठबंधन का था पहले,
अब तो वह भी नहीं आ रहा सुनाई में।
झेंप छुपाने ये सब चीखते रहते बाहर,
गुपचुप रोते होंगे सब अपनी-अपनी तन्हाई में।
हाय! मोदी-योगी की इस युगल उछाल ने,
ला पटका सब को कैसी गहरी खाई में।।1।।
नादान की दोस्ती होती है जी का जंजाल।
यू.पी. के यादव कभी न भूल पाएंगे यह मलाल।
अब सबको बचना होगा उस अनर्गल बयानबाज से,
वर्ना ले डूबेगा सबको अकेला केजरीवाल।।2।।
रोमियो ग़ायब हुए यू.पी. में, अवैध बूचड़खाने बंद हुए।
शामत नकलचियों की, गुंडों के भी तेवर मंद हुए।
बिजली-सड़क सुधारों का भी रोड मेप तैयार है अब,
योगी के राज में ऋण मुक्त किसानों के हौसले बुलंद हुए।।3।।