पापा, आना सरहद पार से,
दुश्मन के घरबार से।
रस्ता देखे थकी हैं अंखियां,
चुप हूं मेरी खो गई निंदिया।
बस तेरी फोटो थाम के,
पापा, आना सरहद पार से।
मां मेरी तो निष्प्राण पड़ी है,
छोटी बहन भी शून्य खड़ी है।
यूं हाथ कलेजा थाम के,
पापा, आना सरहद पार से।
पुरवइया फिर लोरी गा देंगी,
यादें हमारी मरहम रख देंगी।