लघु कविता : क्यों ये बच्चा रोता

आ शुतोष झा
कभी समझा होता मेरा दर्द
तो दर्द
















तुम्हें क्यों होता
मेरी शाखें काट लीं तुमने
समझे क्यों ये बच्चा है रोता

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