×
SEARCH
Hindi
English
தமிழ்
मराठी
తెలుగు
മലയാളം
ಕನ್ನಡ
ગુજરાતી
समाचार
मुख्य ख़बरें
राष्ट्रीय
अंतरराष्ट्रीय
प्रादेशिक
मध्यप्रदेश
छत्तीसगढ़
गुजरात
महाराष्ट्र
राजस्थान
उत्तर प्रदेश
क्राइम
फैक्ट चेक
ऑटो मोबाइल
व्यापार
मोबाइल मेनिया
IPL 2025
बॉलीवुड
बॉलीवुड न्यूज़
हॉट शॉट
मूवी रिव्यू
वेब स्टोरी
पर्यटन
आने वाली फिल्म
खुल जा सिम सिम
बॉलीवुड फोकस
आलेख
सलमान खान
सनी लियोन
टीवी
मुलाकात
धर्म-संसार
एकादशी
श्री कृष्णा
रामायण
महाभारत
व्रत-त्योहार
धर्म-दर्शन
शिरडी साईं बाबा
श्रीरामचरितमानस
आलेख
सनातन धर्म
लाइफ स्टाइल
वीमेन कॉर्नर
सेहत
योग
NRI
मोटिवेशनल
रेसिपी
नन्ही दुनिया
पर्यटन
रोमांस
साहित्य
श्रीरामचरितमानस
ज्योतिष
दैनिक राशिफल
रामशलाका
राशियां
आज का जन्मदिन
आज का मुहूर्त
लाल किताब
वास्तु-फेंगशुई
टैरो भविष्यवाणी
चौघड़िया
धर्म संग्रह
इंदौर
मध्यप्रदेश
क्रिकेट
अन्य खेल
खेल-संसार
ज्योतिष 2025
काम की बात
श्रीराम शलाका
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
चुटकुले
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
समाचार
IPL 2025
बॉलीवुड
धर्म-संसार
लाइफ स्टाइल
श्रीरामचरितमानस
ज्योतिष
धर्म संग्रह
इंदौर
मध्यप्रदेश
क्रिकेट
ज्योतिष 2025
काम की बात
श्रीराम शलाका
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
हिन्दी कविता : प्रकृति के बाराती
संजय वर्मा 'दृष्टि'
पहाड़ों पर टेसू रंग बिखेर जाते
लगता पहाड़ ने बांध रखा हो सेहरा
घर के आंगन में टेसू का मन नहीं लगता
उसे सदैव सुहाती पहाड़ की आबों हवा
मेहंदी की बागड़ से आती महक
लगता कोई रचा रहा हो मेहंदी
पीली सरसों की बगिया
लगता जैसे शादी के लिए
बगिया के हाथ कर दिए हो पीले
भवरें-कोयल गा रहे स्वागत गीत
दिखता प्रकृति भी रचाती विवाह
उगते फूल आमों पर आती बहारें
आमों की घनी छांव तले
जीव बना लेते शादी का पांडाल
यही तो है असल में
प्रकृति के बाराती
नदियां कल-कल कर
उन्हें लोक गीत सुनाती
एक तरफ पगडंडियों से
निकल रही इंसानों की बारात
सूरज मुस्काया
बसंत के कानों में धीमे से कहा
लो आ गई एक और बारात
आमों के वृक्ष तले पांडाल में
हिन्दी कविता : बाराती
पहाड़ों पर टेसू रंग बिखेर जाते
लगता पहाड़ ने बांध रखा हो सेहरा
घर के आंगन में टेसू का मन नहीं लगता
उसे सदैव सुहाती पहाड़ की आबों हवा
मेहंदी की बागड़ से आती महक
लगता कोई रचा रहा हो मेहंदी
पीली सरसों की बगिया
लगता जैसे शादी के लिए
बगिया के हाथ कर दिए हो पीले
भवरें-कोयल गा रहे स्वागत गीत
दिखता प्रकृति भी रचाती विवाह
उगते फूल आमों पर आती बहारें
आमों की घनी छांव तले
जीव बना लेते शादी का पांडाल
यही तो है असल में
प्रकृति के बाराती
नदियां कल-कल कर
उन्हें लोक गीत सुनाती
एक तरफ पगडंडियों से
निकल रही इंसानों की बारात
सूरज मुस्काया
बसंत के कानों में धीमे से कहा
लो आ गई एक और बारात
आमों के वृक्ष तले पांडाल में
वेबदुनिया पर पढ़ें
समाचार
बॉलीवुड
ज्योतिष
लाइफ स्टाइल
धर्म-संसार
महाभारत के किस्से
रामायण की कहानियां
रोचक और रोमांचक
जरुर पढ़ें
गर्मियों के मौसम में लगाएं सेब से बना ये फेस पैक, स्किन को मिलेगा भरपूर हाइड्रेशन
पफिनेस से लेकर ओपन पोर्स की समस्या से छुटकारा दिलाती है ये छोटी सी हेबिट
गर्मियों में जान का खतरा बन सकते हैं दुनिया के ये 7 सबसे जहरीले फल
भगवान हनुमान के कल्याणकारी नामों में से चुनें बेटे के लिए नाम, व्यक्तित्व पर होगा महाबली का प्रभाव
कहीं आप भी तो नहीं खा रहे केमिकल वाला तरबूज? घर पर ऐसे करें Fake vs Real वॉटरमेलन का टेस्ट
नवीनतम
खूबसूरत और हेल्दी बालों के दुश्मन हैं ये 5 सबसे खराब हेयर ऑयल्स, क्या आप भी कर रहे हैं इस्तेमाल?
बिना डाइटिंग के भी कम हो सकता है वजन, जानिए कौन सी हेल्दी आदतें अपनाने की है जरूरत
डिहाइड्रेशन से लेकर वजन घटाने तक, गर्मियों में खरबूजा खाने के 10 जबरदस्त हेल्थ बेनिफिट्स
अखरोट के साथ ये एक चीज मिलाकर खाने के कई हैं फायदे, जानिए कैसे करना है सेवन
गर्मियों में वजन घटाने के दौरान होने वाली 8 डाइट मिस्टेक्स, जो बिगाड़ सकती हैं आपके फिटनेस गोल्स
ऐप में देखें
x