12 मई : नर्स डे स्पेशल कविता

विश्व नर्सेस दिवस पर एक काव्याभिनंदन
 
डॉक्टर्स यदि भगवान होते हैं
तो देवियां हुआ करती हैं नर्स
 
सारा श्रेय लूट ले जाते भगवान
यथेष्ठ से बहुत कम पाती हैं नर्स
 
मां की गोद मिलती है तनिक देरी से
पहले मिलता है इनके हाथों का स्पर्श
 
सहायता के लिए नर्स न हों तो
ऑपरेशन का हो जाए बेड़ा गर्क
 
तितलियों जैसी उड़ती ये मरीज मरीज
बांटती हैं दवा, ठीक करती हैं मर्ज
 
कितने गम छिपे हैं इनकी मुस्कानों के पीछे
जान सकें तो जानें, न होगा कोई हर्ज
 
नर्सों पर मीम्स बनाने वाले आशिक याद रखें
अस्पताल से बड़ा नहीं होता है कोई नर्क 
 
मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है
नर्सों से कुछ सीखें बदनाम दहशतगर्द 
 
मिलकर जान लड़ाती हैं सभी नर्सें, पर
केयर टेकर भी होता है एक साथी नर्स
 
आज नर्स डे पर बस इतना याद रखें
पैसों के दम पर चुकते नहीं सब कर्ज।
 

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