काल की अनंतता का प्रवर्तन,
शून्य के वृत्त का सनातन आवर्तन।
वर्तमान की चेतना से काल का आरंभ,
काल का वृत्त निरपेक्ष चिरप्रवाही,
अतीत से अनुगामित अनुप्रवाही।
कालजित भविष्य को समेटे,
चिरंतर वर्तमान में स्वयं को लपेटे।
जीवन संयुक्त अथवा जीवनमुक्त,
सनातन नित्य एवं विविक्त।
निरवधि, प्रवाहमान प्रत्यावर्ती पुरातन कर्म,
अविखंडनीय कालाणुओं का सनातन धर्म।