नए जीवन का संदेश

- नीति अग्निहोत्री
NDND
फिर उगे हैं नए पल

उसी वृक्ष की डाली पर

जिसे प्यार और अपनत्व

के जल से सींचा था

उन नए पलों से झरेगा अब

मानवता का प्यार पराग

कब तक उस वृक्ष पर खिले

फूलों के दिल की पुकार को

अनसुना करते रहेंगे भँवरे चाहत के

कब तक रूकी रहेगी प्रीत की गुंजन

कब तक थमी रहेगी मधुरता की धड़कन

अब तो पूरे वृक्ष में दौड़ेगा नया आनंद रस

जो नई सुखद अनुभूतियों की रागिनी से

परिपूर्ण होकर छलकेगा विश्वमय होकर

नए जीवन का संदेश देगा धरा को ।