vaitarna river origin odisha: गरुढ़ पुराण के प्रेतखंड में वैतरणी नदी का उल्लेख मिलता है। कहते हैं कि पाप या पुण्य आत्मा दोनों को ही मरने के बाद वैतरणी नदी को पार करना होता है। पापी को यह नदी नदी रक्त, मल, मूत्र और कई हिंसक जीव जंतुओं से भरी नजर आती है जबकि पुण्यात्मा को यह नदी एक शांत और निर्मल जल की नदी नजर आती है। यह नदी को पार करके ही आत्मा यमलोक पहुंच सकती है, लेकिन हम इस नदी की बात नहीं कर रहे हैं। हम बात कर रहे हैं भारत में बहने वाली वैतरणी नदी की जिसके बारे में आप कम ही जानते होंगे।
2. महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के नासिक के पास पश्चिमी घाट से एक नदी निकलती है जो अरब सागर में गिरती है, उसे स्थानीय लोग वैतरणी कहते हैं। त्र्यंबकेश्वर में सह्याद्री पर्वत श्रृंखला से निकलती है। यह विशेष रूप से ब्रह्मगिरी पहाड़ियों के पश्चिम में स्थित है। यह नदी पश्चिम की ओर बहने वाली नदी है। वैतरणी से थोड़ी ही दूरी पर मशहूर गोदावरी का भी उद्गम स्थल भी है जिसे दक्षिण की गंगा कहते ही हैं।
3. ओडिशा राज्य की वैतरणी नदी:
1. उद्गम: ओडिशा राज्य में जो वैतरणी नाम की नदी बहती है उसे मुख्य नदी माना गया है। यह बहुत बड़ी और सुंदर नदी है। इसमें भयानक किस्म के मगरमच्छ भी हैं। यह गोनासिका पहाड़ी से निकलती है। गोनासिका पहाड़ी क्योंझर शहर से 30 किमी की दूरी पर स्थित है।