होली की जान है रंग और गुलाल। आइए बनाएँ एक प्लान, जो हो अलग ढंग का होली मिलन समारोह, जो फंकी होने के साथ-साथ क्रिएटिव भी हो। जिसमें हो परंपरा का पालन करना करने की गुंजाइश। होली खेलते समय रासायनिक रंगों के बजाय प्राकृतिक रंगों का ही इस्तेमाल करें।
दिल से भेजें अपनों को निमंत्रण : दोस्तों और परिजनों को निमंत्रण भेजिए। आप चाहें तो खास रंगों में डूबे कार्ड्स बना सकते हैं या पंख लगी टोपियों पर छोटा-सा निमंत्रण पत्र लगाकर भेज सकते हैं।
पर्याप्त जगह है जरूरी : रंग खेलने के लिए पर्याप्त खुली जगह होना जरूरी है। यह लॉन हो सकता है या घर के बाहर बगीचे में, पोर्च में या छत पर इस आयोजन को रखा जा सकता है। सुरक्षा का ध्यान रखें, कहीं होली की मस्ती में कोई हादसा न हो जाए। रंगों की फुहार में जगह का बहुत ज्यादा महत्व है।
बैठक व्यवस्था और खान-पान : कुछ टेबल लगाएँ जिनमें खाने-पीने के लिए खास चीजें रखी हों। एक टेबल को खास होली के लिए सजाएँ। इस पर एक पुराना रंगीन टेबल कवर बिछाएँ। प्लास्टिक के कंटेनर्स में रंग रखें। एक बाऊल में गुब्बारे रखें। पिचकारियों को टेबल पर सजाएँ। कुर्सियों के पिछले हिस्से को पुरानी शर्ट्स या टी-शर्ट्स पहना दें। इन पर फैब्रिक कलर से हाथों के निशान लगा दें। इससे कुर्सियों की सुरक्षा होगी और लुक भी होली का मिल जाएगा।
खाने की व्यवस्था रंग खेलने वाली जगह पर न हो। ऐसी चीजें रखें जो चम्मच, काँटे या टूथपिक से खाई जा सकें। ठंडाई होली का मुख्य आकर्षण है। इसके लिए डिस्पोजेबल गिलास का उपयोग सबसे अच्छा है।
न हो पानी का दुरुपयोग : पानी की बौछार करते समय पानी के दुरुपयोग से बचें। टंकी में रंग घोलने या पाइप से पानी फेंकने से बहुत मात्रा में पानी व्यर्थ जाता है। रंग खेलने, मुँह-हाथ धोने के लिए पानी के टब तीन-चार कोनों में रख दें। पीने के पानी की व्यवस्था बिलकुल अलग ही रखें।
भरी पिचकारी उड़ा गुलाल : होली की जान है रंग और गुलाल। अच्छी क्वालिटी के तीन-चार रंग और गुलाल ले आएँ। रंगों में विविधता जरूर रखें, जैसे सुर्ख गुलाबी, चटकीला पीला और गहरा हरा। रासायनिक रंगों के बजाय प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करें।
रंग और पार्टी का तालमेल : पार्टी कोई भी हो बिना संगीत के अधूरी है। इस अवसर पर ज्यादातर लोगों की पसंद होती है लोकप्रिय हिन्दी फिल्मी गीत, जो होली पर आधारित हों। युवाओं की पार्टी में डीजे का चलन भी कॉमन हो चला है। यदि पारंपरिक होना चाहें तो ढोलक-मंजीरे वाली स्थानीय मंडली को बुला सकते हैं। रंग बरसे भीगे चुनवाली जैसे गानों से होली का मजा दोगुना हो जाएगा।
कुछ खेलें निराले खेल :
- अंताक्षरी को दिलचस्प बनाने के लिए ऐसा करें- कोई वस्तु दिखाएँ और उससे संबंधित गाना गाने को कहें जैसे चुनरी या फूल।
- बचपन के खेलों का आनंद उठाएँ जैसे नींबू रेस, बोरा रेस, सितौलिया वगैरह। एक बोरे में दो लोगों को साथ दौड़ने के लिए कहकर प्रतियोगिता में नया प्रयोग किया जा सकता है।
- पासिंग द पार्सल खेल सकते हैं जिनमें मजेदार चिटें बनाएँ। गप्प मारने या चुटकुलों के साथ ठहाकों का दौर होली के अवसर के लिए बिलकुल माकूल रहेगा।
बुरा न मानो होली है : यह पूरा आयोजन मर्यादा और सौजन्यता के दायरे में हो। मेहमान यदि अप्रिय हरकत करें तो मेजबान का फर्ज बनता है कि सौम्य पर दृढ़ शब्दों में उन्हें रोकें।
मेहमानों से कहें कि वे कम से कम एक वस्त्र (कुर्ती, शर्ट या टॉप) सफेद रंग का पहनें। इसी रंग पर तो होली के रंग खिलते हैं।