होलाष्टक के 8 दिन 8 ग्रह होते हैं उग्र, पढ़ें महत्वपूर्ण जानकारी

होलाष्टक 2020


होलाष्टक का अर्थ है होली से 8 दिन पूर्व का समय, जो कई बात तिथियों के घटने की वजह से 7 दिन भी मनाया जाता है। होलाष्टक का प्रारंभ फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होता है, जो होलिका दहन तक रहता है। इस बार 2 मार्च और मतांतर से 3 मार्च से 09 मार्च तक होलाष्टक मनाया जाएगा। 09 मार्च को होली जलाए जाने के बाद 10 मार्च को रंग खेला जाएगा।
 
होलाष्टक के दिनों में विवाह, नामकरण, विद्या प्रारंभ, गृह प्रवेश, भवन निर्माण, हवन, यज्ञ आदि कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है। लेकिन जन्म और मृत्यु के बाद किए जाने वाले कार्य कर सकते हैं। 
 
दरअसल, इन दिनों में ग्रहों का व्यवहार उग्र रहता है और मान्यता है कि इस समय किए गए सभी कार्यों से हानि की आशंका रहती है। 
 
होलाष्टक के प्रथम दिन यानी कि फाल्गुन शुक्लपक्ष की अष्टमी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल तथा पूर्णिमा को राहु अपने उग्र रूप में होता है। जिस कारण मानव मस्तिष्क तमाम तरह के विकारों और परेशानियों से घिरा रहता है। इसलिए इस दौरान कोई भी काम बिगड़ने के ज्यादा आसार रहते हैं।


ALSO READ: होलाष्टक 2 मार्च से आरंभ, हरगिज न करें ये खास काम

ALSO READ: होलाष्टक 2020 : भक्त प्रह्लाद को दी गई थी यातनाएं, इसलिए है अशुभ 8 दिन का समय

ALSO READ: होलाष्टक 2020 कब से कब तक : ये 13 काम करेंगे तो नहीं आएगा कोई संकट

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी