* होली पर भांग से सावधान रहें, जानिए 6 विशेष बातें
-सरफ़राज़ ख़ान
भांग की वजह से दिल की धड़कन व ब्लडप्रेशर बढ़ सकता है जिससे कि मस्तिष्क को नुकसान हो सकता है, साथ ही गर्भवती महिलाओं में भ्रूण पर भी असर हो सकता है। हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल के मुताबिक भांग से मनोवैज्ञानिक और कॉग्निशन व सर्कुलेशन पर असर होता है। यूफोरिया, एंजाइटी से होने वाले बदलावों के चलते याददाश्त और साइकोमोटर परफॉर्मेंस भांग लेने के बाद सामान्य असर से तीन गुना ज्यादा बढ़ जाता है।
भांग का सेवन करने से हृदयगति व ब्लडप्रेशर में बदलाव के हृदय संबंधी बीमारी के गंभीर परिणाम सामने आते हैं। इसका क्रॉनिक प्रभाव दिमाग पर पड़ने के साथ ही ड्रग की तरह लत भी लग सकती है। भांग से यूटेरो में उल्टा असर हो सकता है और इसकी वजह से मस्तिष्क के विकास में गड़बड़ी संभव है और बाद में बोधन क्षमता पर भी प्रभाव पड़ता है।
भांग के परिणाम धूम्रपान की तरह ही होते हैं, जो तम्बाकू को धूम्रपान के तौर पर लेते हैं इसलिए इससे परहेज करना चाहिए। कम उम्र के लोगों में इसका असर वयस्कों की तुलना में कहीं ज्यादा होता है।
कुछ तथ्य
* बहुत ज्यादा भांग लेने वालों में इसके उल्टे परिणाम के तौर पर दिमागी हालत गड़बड़ाना और क्रॉनिक सिजोफ्रेनिया जैसी समस्याएं होती हैं, भले ही कुछ लोग इसे लेना बंद कर दें।
* भांग लेने वाले कुछ लोगों की दिमागी स्थिति अतिसंवेदनशील हो सकती है और इससे खतरे में पलटाव उन लोगों में बढ़ जाता है, जो पहले से ही इस तरह की समस्या के शिकार हों और यह उन लोगों में कहीं ज्यादा होने की संभावना होती है, जो सिजोफ्रेनिया से ग्रसित होते हैं।
* भांग दिमागी हालत की समस्या वालों में और इसकी गिरफ्त में आने यानी दोनों के लिए ही घातक है।
* दिमाग से जुड़े सिजोफ्रेनिया के मामले में कई मामले दर्ज हो चुके हैं जिन्होंने लंबे समय तक भांग का सेवन किया और जिसकी वजह से वे समस्या के शिकार बने। सोच में गड़बड़ी और स्पष्ट एकाग्रता न हो तो इससे याददाश्त पर असर पड़ता है।
* भांग लेने से शराब जैसी स्थिति होती है इसलिए इसे लेने के बाद गाड़ी न चलाएं।
* शराब, धूम्रपान और भांग को लोग अकसर एकसाथ ले लेते हैं।