कान फिल्म फेस्टिवल 2019 : एग्नेस वारदा के पोस्टर पर अटकी नजर

प्रज्ञा मिश्रा
कायाकल्प का सही मायनों में नजारा देखना हो तो कान फिल्म फेस्टिवल शुरू होने के 1 दिन पहले यहां पहुंच जाइए। पिछली कॉन्फ्रेंस के पोस्टर लगे पड़े थे। कोई रोक-टोक नहीं। कोई रेड कारपेट नहीं। कोई चमक-दमक नहीं। लेकिन अगले ही दिन उसी जगह का ऐसा बदला रूप देखा, जैसे ब्यूटी पार्लर से निकलकर बस चले ही आ रहे हों।
 
एग्नेस वारदा का इतना शानदार फोटो और उसका जब यूं पोस्टर तैयार हुआ तो निगाहें हटाने को जी नहीं चाहता था। एग्नेस इसी साल 29 मार्च को इस दुनिया को विदा कह गईं। 90 साल की यह महान डायरेक्टर 2019 की शुरुआत में बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में अपनी आखिरी फिल्म लेकर मौजूद थीं और पिछले ही साल महिलाओं के हक के लिए कान फेस्टिवल में कई कलाकारों के साथ अगुवाई कर रही थीं और इसलिए भी इस साल का पोस्टर और खास हो जाता है।
 
इस साल प्रेस कार्ड देने से पहले ही एक फॉर्म पर दस्तखत करवा लिए गए हैं कि किसी भी कॉम्पिटिशन फिल्म के प्रीमियर से पहले उसके बारे में कुछ भी न लिखा जाएगा और न बोला जाएगा। पिछले साल से शुरू हुआ यह प्रेस को रोकने का तरीका अब धमकी पर आ गया है कि अगर समयसीमा के पहले कुछ भी लीक हुआ तो प्रेस कार्ड ही वापस ले लिया जाएगा। इतनी सिक्योरिटी तो लोग चुनाव के समय वोट डालने में भी नहीं बरतते हैं।
 
कान फिल्म फेस्टिवल में इस बार क्वेंटिन टारनटिनो की फिल्म 'वंस अपॉन अ टाइम इन हॉलीवुड' शामिल है। यह फिल्म अप्रैल तक शामिल नहीं थी, क्योंकि पूरी तरह तैयार नहीं थी। लेकिन टारनटिनो इस मौके को जाने नहीं देना चाहते थे इसलिए रात-दिन मेहनत करके उन्होंने फिल्म को तैयार कर ही दिया।
 
1994 में अपनी फिल्म 'पल्प फिक्शन' के लिए पाम डी'ओर अवॉर्ड जीत चुके टारनटिनो इस बार भी कॉम्पिटिशन में तगड़ी टक्कर देने को तैयार हैं। फिल्म में लिओनार्दो डी केप्रिओ और ब्रैड पिट मुख्य किरदार निभा रहे हैं।
 
कान फेस्टिवल की ओपनिंग फिल्म जिम जार्मुश की जॉम्बी थीम पर बनी कॉमेडी फिल्म 'द डेड डोंट डाई' है जिसमें टिल्डा स्विंटन, एडम ड्राइवर और बिल मरे हैं। जिम जार्मुश कान फेस्टिवल के रेगुलर डायरेक्टर हैं और इससे पहले अपनी फिल्म 'पैटरसन' के साथ आए थे और उसमें भी एडम ड्राइवर की मुख्य भूमिका थी।
 
'आई डेनियल ब्लैक' बनाकर पूरी दुनिया में हलचल मचा देने वाले केन लोच भी अपनी नई फिल्म 'सॉरी वी मिस्ड यू' के साथ हाजिर हैं। पेड्रो अल्मोडोवर की फिल्म 'पेन एंड ग्लोरी' और दारदेने ब्रदर्स की नई फिल्म 'यंग अहमद' कॉम्पिटिशन में शामिल हैं।
 
आसिफ कपाड़िया की डिएगो मेराडोना पर बनी डॉक्यूमेंट्री आउट ऑफ कॉम्पिटिशन में दिखाई जाएगी और ऐसा शायद ही कोई है, जो आसिफ के काम से वाकिफ न हो इसलिए इस फिल्म में जी-भरकर भीड़ होने वाली है।
 
भारत से कोई भी फिल्म किसी भी केटेगरी में नहीं है। जरूर कुछ मार्केट स्क्रीनिंग और कुछ शॉर्ट फिल्में कॉर्नर में होंगी जिन्हें बनाने वाले ही अपने ही पैसों से दिखाते हैं, लेकिन वे फेस्टिवल का हिस्सा नहीं बनती हैं। लेकिन फिर भी भारत के लोगों का लगातार फेस्टिवल में आना और मौजूदगी दर्ज कराना बढ़ता ही जा रहा है।
 
उम्मीद करें कि हमारी फिल्में भी अपनी इस फेस्टिवल का हिस्सा बनें। तब तक दुनिया का वो सिनेमा देखें जो अनूठा है, अनोखा है और बेमिसाल है!
 


 

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