पिछले कुछ दिनों से पूरी दुनिया, खासकर भारत जिबली के रंगों से रंगा हुआ है, सोशल मीडिया पर हर कोई अपनी तस्वीर को जिबली स्टाइल में कन्वर्ट कर पोस्ट करने की होड़ में लगा हुआ है। यह काम उनके लिए OpenAI का ChatGPT चंद सेकंड में करके दे रहा है लेकिन क्या आपको पता है कि एक फ्रेम को बनाने में स्टूडियो जिबली के एनिमेटर्स को कई महीने लग जाते थे। स्टूडियो जिबली की फिल्मों में जो खूबसूरत विज़ुअल्स हैं उन्हें हाथ से बनाया जाता है। कई सालों से फिल्मों में CGI (Computer-generated imagery) का इस्तेमाल होता आ रहा है जो काम को आसान बना देता है, Fantastical Worlds और नए करैक्टर क्रिएट करने में मदद करता है, जो चीजें असल जिंदगी में नहीं कैप्चर हो सकती उन्हें परदे पर जीवन देने में मदद करता है लेकिन स्टूडियो जिबली के Co Founder हयाओ मियाजाकी (Hayao Miyazaki) ने कभी इसकी मदद नहीं ली। Princess Mononoke,Howl's Moving Castle, Spirited Away और The Wind Rises जैसी खूबसूरत फिल्मों के विज़ुअल्स सब हाथों से बनाए गए हैं, क्योंकि उनका मानना है कि एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से इन्हें बनाना जीवन का अपमान करना है, जिन भावनाओं के साथ इंसान इन्हें बनाता है, वैसा रिजल्ट AI नहीं दे सकता।
उनका मानना है जो कोई भी यह (CGI या बाद में AI) से बनाता है, उसे पता नहीं है कि मानव दर्द क्या होता है, उन्होंने कहा था "मैं इस तकनीक को अपने काम में कभी शामिल नहीं करना चाहता। यह जीवन का अपमान है।”
एक सिंगल फ्रेम को बनाने में लगभग तीन 8 घंटे का लगते हैं और सिनेमा में हर सेकंड में 24 फ्रेम होते हैं, इस तरह अगर एक कलाकार हर दिन आठ घंटे काम करे तो जिबली फिल्म के एक सेकंड को बनाने में लगभग 192 दिन लगेंगे। यह उनका डेडिकेशन, अपने चरक्टेर्स के लिए प्यार है और जो फिल्में उन्होंने बनाई है आप जब उन फिल्मों को देखेंगे तो आप करैक्टर से रिलेट करने लगेंगे, आप उन दृश्यों को अपने आस पास महसूस करेंगे, आपको लगेगा जैसे आप उसी दुनिया में हैं, उसका हिस्सा हैं, इतनी खूबसूरती से बनाते हैं हयाओ एनीमेशन।
This four second crowd scene from Studio Ghiblis The Wind Rises (2013) took animator Eiji Yamamori 1 year and 3 months to complete pic.twitter.com/RyOngP2o60
जिबली फोटोज वायरल होने के बाद लोगों में सोशल मीडिया पर छिड़ी जंग
जैसे ही यह फोटोज वायरल हुए और हर कोई इस ट्रेंड के पीछे भागते हुए फोटो जनरेट करने लगा। सोशल मीडिया पर जैसे ही इन फोटो की बाढ़ आई तो एनिमेटर्स कम्युनिटी (Animators Community) के साथ साथ कुछ फिल्म लवर्स भी इनकी आलोचना करने लगे। लोग दो हिस्सों में बट गए और फिर वायरल हुआ हयाओ मियाजाकी का वह वीडियो जिसमे वे AI को लाइफ की इंसल्ट कहते हुए दिखाई दे रहे हैं।
यह वीडियो काकू अरुकावा (Kaku Arukawa) की 2016 NHK डॉक्यूमेंट्री सीरीज से है, जिसमें एनिमेटरों और डिजाइनरों का ग्रुप स्टूडियो घिबली के निर्माता तोशियो सुजुकी (Toshio Suzuki) और हयाओ मियाज़ाकी (Hayao Miyazaki) को एक MI मशीन का इन्वेंशन प्रजेंट कर कर रहे हैं जो इमेज को एनिमेट कर सकती है।
उन्होंने प्रजेंट करते हुए एक Zombie की इमेज दिखाई थी जिसका उद्देश्य एनीमेशन में मशीन लर्निंग की क्षमता का प्रदर्शन करना था और कहा था कि वे ऐसी मशीन बनाएंगे जो इमेज क्रिएट कर सके, लेकिन हयाओ उनका प्रजेंटेशन देख बेहद निराश और दुखी हुए, उन्होंने कहा, "मैं यह सब देखकर इंटरेस्टेड नहीं हो सका। जो कोई भी इसे बनाता है, उसे दर्द के बारे में कुछ भी पता नहीं होता। मैं इससे पूरी तरह से निराश हूँ। अगर आप वाकई खौफनाक चीजें बनाना चाहते हैं, तो आप आगे बढ़ सकते हैं और ऐसा कर सकते हैं। मैं इस तकनीक को अपने काम में कभी शामिल नहीं करना चाहूंगा। मुझे लगता है कि यह जीवन का अपमान है।"
"I strongly feel that Artificial Intelligence (AI) is an insult to life itself."
हयाओ मियाज़ाकी, जिनका जन्म 5 जनवरी, 1941 को टोक्यो, जापान में हुआ, दुनिया के सबसे महान Animation Directors में से एक माने जाते हैं। उनकी फिल्मों को रोमांचक कहानियां, काल्पनिक कहानी कहने का तरीका, इंटरेस्टिंग केरेक्टर्स और अद्भुत दृश्यों के लिए सराहा जाता है। मियाज़ाकी की फिल्मों में अक्सर पर्यावरण, परिवार, सामाजिक मुद्दे, दया, जानवरों और प्योर लव जैसे गहरे विषयों की खोज की जाती है। उनका विशिष्ट एनीमेशन स्टाइल और इन गहरे विषयों को कल्पना के साथ जोड़ने की क्षमता उन्हें फिल्म निर्माण में एक वैश्विक आइकन बनाती है।
उन्होंने 1963 में टोक्यो के Toei Douga स्टूडियो में एक एनीमेटर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की और बाद में जापानी एनीमेशन (Japanese Animation) की कई शुरुआती क्लासिक्स फिल्म्स बनाई। शुरुआत से ही उन्होंने अपनी खूबसूरत ड्राइंग करने का टैलेंट और फिल्मों के लिए प्रस्तुत किए गए सुंदर विचारों से लोगों का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने 1978 में अपनी पहली टीवी सीरीज़ "Future Boy Conan" और 1979 में अपनी पहली फीचर फिल्म, Lupin III: The Castle of Cagliostro" को डायरेक्ट किया। वे एक मंगा कलाकार (Manga Artist) भी हैं। "Nausicaä of the Valley of the Wind" की 1984 में मिली सफलता के बाद, 1985 में Isao Takahata और Toshio Suzuki के साथ मिलकर Studio Ghibli की स्थापना की।
इसके बाद, उन्होंने कई अन्य फिल्में लिखी और प्रोड्यूस की। Princess Mononoke (1997) को जापान के Academy Award के समकक्ष बेस्ट फिल्म का पुरस्कार मिला और यह अपनी रिलीज़ के समय जापान के इतिहास में सबसे अधिक कमाई करने वाली घरेलू फिल्म बन गई, जिसने लगभग 150 मिलियन अमेरिकी डॉलर कमाए।
PRINCESS MONONOKE (1997)
Cinematography by Atsushi Okui
Written, Storyboarded, and Directed by Hayao Miyazaki
Drawn by Human Hands pic.twitter.com/OaaThqOPat
2002 में, अमेरिकी Film Critic Roger Ebert ने उनके फिल्मों की गहराई और कला की सराहना करते हुए कहा था कि हायाओ मियाजाकी शायद इतिहास के सबसे महान एनीमेशन फिल्म डायरेक्टर हैं। नवंबर 2014 में, मियाजाकी को एनीमेशन और सिनेमा पर उनके योगदान के लिए एक Honorary Academy Award दिया गया। वह यह पुरस्कार पाने वाले दूसरे जापानी फिल्म निर्माता बने, इससे पहले 1990 में अकीरा कुरोसावा (Akira Kurosawa) को यह अवार्ड मिला था।