जिस घर की दक्षिण दिशा या नैऋत्य कोण या पश्चिम दिशा एक भाग या सभी नीचे हो और वहाँ निर्माण कार्य भी हो तो उस घर में आमदनी तो अच्छी होती है परंतु व्यर्थ खर्चे ज्यादा होने के कारण कर्ज बना रहता है। जो मानसिक तनाव का कारण बनता है।
अगर वायव्य ऊँचा हो और उधर पश्चिम और वायव्य के बीच में या वायव्य और उत्तर के बीच में उपर्युक्त निर्माण किये जाएँ तो शत्रुओं की संख्या बढ़ जाएगी, घर का मालिक लाइलाज बीमारी से दुखी होकर मानसिक तनाव में रहता है।