पीपल के औषधीय गुण

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पीपल का वृक्ष सबके लिए जाना पहचाना है, यह हर जगह पाया जाता है। पीपल ही एक ऐसा वृक्ष है, जो चौबीसों घंटे ऑक्सीजन देता है, इसके औषधीय गुणों को बहुत कम लोग जानते हैं।

दमा : पीपल की अन्तरछाल (छाल के अन्दर का भाग) निकालकर सुखा लें और कूट-पीसकर खूब महीन चूर्ण कर लें, यह चूर्ण दमा रोगी को देने से दमा में आराम मिलता है। पूर्णिमा की रात को खीर बनाकर उसमें यह चूर्ण बुरककर खीर को 4-5 घंटे चन्द्रमा की किरणों में रखें, इससे खीर में ऐसे औषधीय तत्व आ जाते हैं कि दमा रोगी को बहुत आराम मिलता है। इसके सेवन का समय पूर्णिमा की रात को माना जाता है।

दाद-खाज : पीपल के 4-5 कोमल, नरम पत्ते खूब चबा-चबाकर खाने से, इसकी छाल का काढ़ा बनाकर आधा कप मात्रा में पीने से दाद, खाज, खुजली आदि चर्म रोगों में आराम होता है।

मसूड़े : मसूड़ों की सूजन दूर करने के लिए इसकी छाल के काढ़े से कुल्ले करें।

अन्य उपयोग :
इसकी छाल का रस या दूध लगाने से पैरों की बिवाई ठीक हो जाती है।

पीपल की छाल को जलाकर राख कर लें, इसे एक कप पानी में घोलकर रख दें, जब राख नीचे बैठ जाए, तब पानी नितारकर पिलाने से हिचकी आना बंद हो जाता है।

इसके पत्तों को जलाकर राख कर लें, यह राख घावों पर बुरकने से घाव ठीक हो जाते हैं।

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