पान का रोगों को दूर भगाने में बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जाता है। खाना खाने के बाद और मुंह का जायका बनाए रखने के लिए पान बहुत ही कारगर है। कई बीमारियों के उपचार में पान का इस्तेमाल लाभप्रद माना जाता है।
पान में दस ग्राम कपूर को लेकर दिन में तीन-चार बार चबाने से पायरिया की शिकायत दूर हो जाती है। इसके इस्तेमाल में एक सावधानी रखना जरूरी होती है कि पान की पीक पेट में न जाने पाए।
इसके अलावा चोट लगने पर पान को गर्म करके परत-परत करके चोट वाली जगह पर बाँध लेना चाहिए। इससे कुछ ही घंटों में दर्द दूर हो जाता है।
खाँसी आती हो तो गर्म हल्दी को पान में लपेटकर चबाएँ।
यदि खाँसी रात में बढ़ जाती हो तो हल्दी की जगह इसमें अजवाइन डालकर चबाना चाहिए।
यदि किडनी खराब हो तो पान का इस्तेमाल बगैर कुछ मिलाए करना चाहिए।
इस दौरान मसाले, मिर्च एवं शराब (मांस एवं अंडा भी) से पूरा परहेज रखना जरूरी है। जलने या छाले पड़ने पर पान के रस को गर्म करके लगाने से छाले ठीक हो जाते हैं। पीलिया ज्वर और कब्ज में भी पान का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है। जुकाम होने पर पान में लौंग डालकर खाने से जुकाम जल्दी पक जाता है।