21वीं सदी में चैंपियन्स ट्रॉफी की जीत से हुआ श्रीगणेश, हर दशक में जीता 1 खिताब

WD Sports Desk

शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2025 (16:00 IST)
20वीं सदी में जब भारत का क्रिकेट अंगड़ाई ले रहा था और इसके अंत में भारत को सचिन तेंदुलकर जैसा नगीना मिला तो फैंस को विश्वकप जीत की लालस हुई। हालांकि  1983 को छोड़ दे तो विश्वकप में भारत 20वीं सदी में हर विश्वकप में निराश करता दिखा। साल 1996 में टीम का सेमीफाइनल में जगह बनाना भी एक उपलब्धि के तौर पर दर्शाया गया।

लेकिन 1998 में शुरु हुई आईसीसी नॉकआउट चैंपियन्स ट्रॉफी, इसमें भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराया लेकिन वेस्टइंडीज से हारकर बाहर हो गया। पर फैंस को एक आशा हुई कि विश्वकप ना सही तो कम से कम मिनी विश्वकप जीतकर ही खुशी मना ली जाए।

21वीं सदी के शुरुआत में ही भारत को आईसीसी ट्रॉफी मिल जाती लेकिन कप्तान सौरव गांगुली की टीम को 2000 की जगह भारत को 2002 तक का इंतजार करना पड़ा। 2002 की ट्रॉफी श्रीलंका के साथ भारत को शेयर करनी पड़ी पर फैंस खुश थे कि आईसीसी ट्रॉफी जीतने का सिलसिला तो शुरु हुआ।

2000 आईसीसी नॉकआउट: साल 2000 में नैरोबी में आईसीसी नॉकआउट टूर्नामेंट खेला गया था। फाइनल में भारत के सामने न्यूजीलैंड थी और कीवी टीम ने भारत को 4 विकेट से हराकर यह खिताब अपने नाम किया था। फाइनल में भारत ने न्यूजीलैंड के सामने 265 रनों का लक्ष्य रखा था और स्वयं कप्तान गांगुली के बल्ले से 117 रनों की पारी देखने को मिली थी लेकिन भारतीय गेंदबाज इस लक्ष्य को नहीं बचा सके और न्यूजीलैंड चैंपियन बनकर सामने आया।
 

2002 चैंपियंस ट्रॉफी: 2002 में सौरव गांगुली ने लगातार दूसरी बार टीम इंडिया को फाइनल में पहुंचाया। इस बार मौका चैंपियंस ट्रॉफी का था और फाइनल में टीम के सामने थी मेजबान श्रीलंका। फाइनल 29 सितंबर को खेला जाने वाला था लेकिन बारिश के चलते रिजर्व डे में शिफ्ट हो गया। रिजर्व डे में भी बारिश ने बाजी मारी और भारत और श्रीलंका को संयुक्त रूप से विजेता घोषित किया गया।

साल 2004, 2006 और साल 2009 में भारत का प्रदर्शन खासा खराब रहा। लगातार 2 बार फाइनल में जगह बनाने वाला भारत इन तीनों ही टूर्नामेंटों में सेमीफाइनल तक भी नहीं पहुंच पाया। टीम का प्रदर्शन इतना खराब था किन इन प्रत्येक 3 टूर्नामेंट में सिर्फ 1-1  मैच ही भारत जीत पाया।साल 2006 की चैंपियन्स ट्रॉफी भारत में हुई थी, यहां भारत बस इंग्लैंड से ही जीत पाया था।

साल 2013 में महेंद्र सिंह धोनी ने किया 11 साल का लंबा इतजार खत्म

साल 2013 में जब महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में भारत की टीम इंग्लैंड जा रही थी तो माहौल बहुत नकारात्मक था। भारतीय टीम हाल ही में हुए आईपीएल की फिक्सिंग में फंसी हुई थी।

लेकिन धोनी की अगुवाई में इंग्लैंड में भारतीय टीम ने खिताब जीता। जिस जमीन पर गेंद स्विंग लेती है वहां ऐसा कारनामा करना बिना एक मैच हारे काबिले तारीफ था। इस टूर्नामेंट में भारत का पाकिस्तान को हराने का इंतजार भी खत्म हुआ।

20-20 ओवर का हुआ फाइनल मैच

विराट कोहली की जुझारू पारी के बाद रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा की फिरकी के जादू से भारत ने वर्षा से प्रभावित आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी के 20 ओवर के फाइनल में इंग्लैंड को पांच रन से हराकर एक बार फिर वनडे क्रिकेट में अपनी बादशाहत साबित की। रविंदर जडेजा को 'मैन ऑफ द मैच' और शिखर धवन को 'मैन ऑफ द सीरिज' घो‍षित किया गया। उन्होंने टूर्नामेंट में 363 रन बनाए।

दुनिया की नंबर एक टीम भारत ने कोहली (34 गेंद में 43 रन) और जडेजा (25 गेंद में नाबाद 33) के बीच 5.3 ओवर में छठे विकेट की 47 रन की साझेदारी से सात विकेट पर 129 रन का स्कोर खड़ा किया।

विश्व चैम्पियन भारत ने इसके बाद अश्विन (15 रन पर दो विकेट) और जडेजा (24 रन पर दो विकेट) की बलखाती गेंदों की बदौलत इंग्लैंड को आठ विकेट पर 124 रन के स्कोर पर रोककर मेजबान टीम को पहली बार आईसीसी वनडे टूर्नामेंट जीतने से वंचित कर दिया।

इयॉन मोर्गन (33) और रवि बोपारा (30) ने पांचवें विकेट के लिए 64 रन जोड़कर इंग्लैंड को जीत की दहलीज तक पहुंचा दिया था लेकिन ईशांत शर्मा (36 रन पर दो विकेट) ने इन दोनों को लगातार गेंदों पर पैवेलियन भेज दिया, जो मैच का निर्णायक पल साबित हुआ।

2017 के फाइनल में पाक ने छीना ताज

भारत साल 2017 में एक बार फिर इंग्लैंड में ही फाइनल में पहुंचा इस बार उसका सामना पाकिस्तान से था जिसे वह ग्रुप स्टेज में हरा चुका था लेकिन इस बार दिन अलग था।

पाकिस्तान ने ओपनर फख़र जमान (114) के शानदार शतक और तेज़ गेंदबाज मोहम्मद आमिर (16 रन पर तीन विकेट) के तूफानी स्पेल की बदौलत भारत को  180 रन से करारी शिकस्त देकर पहली बार आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीत लिया।

पाकिस्तान पहली बार चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में खेल रहा था और उसने फख़र के शानदार शतक से 50 ओवर में 4 विकेट पर 338 रन का विशाल स्कोर बनाने के बाद टीम इंडिया की मजबूत बल्लेबाजी को 30.3 ओवर में 158 रन पर धराशायी कर दिया।

हर दशक में कम से कम एक चैंपियन्स ट्रॉफी भारत ने जरूर जीती

साल 2002 में सौरव गांगुली की अगुवाई में भारत ने पहली बार चैंपियन्स ट्रॉफी जीती। वहीं साल 2013 में भारत ने यह इतिहास दोहराया। ध्यान देने योग्य बात यह है कि साल 2000 से 2010 के बीच में हम 1 बार विजेता और 1 बार उपविजेता बने। यह साल 2010 और 2020 के लिए भी कहा जा सकता है।

अब इस बार भारत रोहित शर्मा की कप्तानी में विजेता बनता है या फिर उपविजेता यह देखने वाली बात होगी। लेकिन हर दशक में भारत 1 बार चैंपियन्स ट्रॉफी जरुर जीतता है।

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