World Earth Day : आज विश्व पृथ्वी दिवस है। प्रतिवर्ष 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। सन् 1970 में इस दिन को मनाने की शुरुआत संयुक्त राज्य अमेरिका में हुई थी और इसका श्रेय पर्यावरण को बचाने के लिए राह खोजने में लगे अमेरिकी सीनेटर गेलार्ड नेल्सन को दिया जाता है।
कैसे हुई इस दिन की शुरुआत? vishwa prithvi diwas history
आपको बता दें कि वर्ल्ड अर्थ डे मनाने का विचार यूनेस्को सम्मेलन में शांति कार्यकर्ता जॉन मैककोनेल द्वारा सन् 1969 में पहली बार दिया गया था। शुरुआत में, इस दिन को मनाने का उद्देश्य सिर्फ पृथ्वी का सम्मान करना था।
इस तरह संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे पहली बार पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल 1970 को मनाया गया था और सन् 1990 में डेनिस हेस ने इस दिन को विश्व स्तर पर मनाए जाने का प्रस्ताव रखा, जिसमें करीबन 141 देशों ने भाग लिया। फिर वर्ष 2016 में विश्व पृथ्वी दिवस को जलवायु संरक्षण के लिए समर्पित किया गया।
विश्व पृथ्वी दिवस 2024 की थीम : Earth Day 2024 Theme
हर साल विश्व पृथ्वी दिवस/ वर्ल्ड अर्थ डे एक खास थीम के साथ मनाया जाता है। वर्ष 2023 में इस दिन की थीम 'हमारे ग्रह में निवेश करें' (Invest In Our Planet) थी, जिसका उद्देश्य वर्तमान समय में मानव समुदाय, सरकार तथा व्यवसायों को प्राथमिकता देने और भावी पीढ़ियों को ग्रह की रक्षा तथा उसके संरक्षण को लेकर कार्रवाई करके उचित कदम बढ़ाना ही इस थीम का उद्देश्य था।
इस बार वर्ष 2024 में विश्व पृथ्वी दिवस की थीम- 'प्लेनेट वर्सेज प्लास्टिक' (Planet vs. Plastics) तय की गई है, जिसका उद्देश्य सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को खत्म करके उसके विकल्प तलाशने पर जोर देना है।
माना जा रहा है कि विश्व पृथ्वी दिवस पर पिछले साल के अभियान की सफलता के आधार पर, यह थीम प्लास्टिक के उपयोग समाप्त करके दुनियाभर में पृथ्वी-पर्यावरण को लेकर सकारात्मक बदलाव लाने, तथा आज की चुनौतियों से निपटने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालती है, ताकि हम धरती का संरक्षण कर सकें।
वर्तमान समय में प्लास्टिक का बढ़ता उपयोग, बढ़ते संसाधनों, कारखाने, वाहन, वायु प्रदूषण, बढ़ते मकान तथा कट रहे वृक्षों तथा प्रकृति के साथ बेरहम मनमानी के कारण पृथ्वी को बहुत नुकसान पहुंच रहा है। जिसके चलते आगामी समय में हमें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। अत: पृथ्वी के बचाव के लिए शीघ्र ही हमें प्लास्टिक फ्री फ्यूचर को लेकर उचित कार्य करके इसके बचाने का भरकस प्रयत्न करना होगा। और पर्यावरण संरक्षण तथा उसकी रक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाना होगी।
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