Significance of celebrating World Water Day 2025: विश्व जल दिवस (World Water Day) हर साल 22 मार्च को मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य पानी के महत्व को समझना और जल संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना है। जल, जीवन का आधार है और पृथ्वी पर सभी जीवों के अस्तित्व के लिए अत्यंत आवश्यक है। लेकिन बढ़ती जनसंख्या, औद्योगिकीकरण और अनियंत्रित दोहन के कारण पानी की समस्या गंभीर होती जा रही है। इसीलिए संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने 1993 में इस दिवस को मनाने की शुरुआत की, ताकि जल के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ाई जा सके।
विश्व जल दिवस का इतिहास: विश्व जल दिवस की शुरुआत 1992 में ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में आयोजित पर्यावरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में हुई थी। इसके बाद, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1993 से प्रतिवर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। इसका मुख्य उद्देश्य सतत विकास लक्ष्य 6 (SDG 6) को प्राप्त करना है, जो 2030 तक सभी के लिए स्वच्छ जल और स्वच्छता सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।
विश्व जल दिवस 2025 की थीम: हर वर्ष, विश्व जल दिवस एक विशेष थीम पर केंद्रित होता है जो जल से संबंधित वर्तमान चुनौतियों को उजागर करता है। उदाहरण के लिए, 2023 की थीम "Accelerating Change" थी, जबकि 2024 की थीम "Leveraging Water for Peace" है। 2025 के लिए, थीम "Glacier Preservation" निर्धारित की गई है, जो ग्लेशियरों के संरक्षण और उनके सतत प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करेगी।
जल संरक्षण का महत्व: पृथ्वी पर उपलब्ध कुल जल का केवल 3% ही ताजे पानी के रूप में है, जिसमें से अधिकांश ग्लेशियरों और बर्फ की चादरों में बंद है। इसलिए, मानव उपयोग के लिए उपलब्ध स्वच्छ जल की मात्रा सीमित है। जल का सतत प्रबंधन और संरक्षण आवश्यक है ताकि भविष्य की पीढ़ियों के लिए इसकी उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
विश्व जल दिवस का महत्व: विश्व जल दिवस का महत्व केवल एक दिन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे साल जल संरक्षण के प्रति प्रेरित करता है। इस दिन दुनिया भर में विभिन्न कार्यक्रम और अभियान आयोजित किए जाते हैं, जिनमें स्कूल, कॉलेज और विभिन्न संगठनों के लोग बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। लोगों को जल संकट के गंभीर परिणामों के प्रति जागरूक किया जाता है।
जल दिवस का मुख्य उद्देश्य है :
जल संकट के कारण और समाधान पर चर्चा करना।
जल संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयासों को प्रोत्साहित करना।
साफ और सुरक्षित पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
भविष्य के लिए जल संसाधनों का संरक्षण करना।
जल संकट के कारण
आज के समय में जल संकट का मुख्य कारण है :
अत्यधिक जल दोहन: औद्योगिक और घरेलू उपयोग में अत्यधिक पानी की खपत।
वनों की कटाई: पेड़ों की कमी से जल स्रोत सूखते जा रहे हैं।
जल प्रदूषण: नदियों और तालाबों में औद्योगिक कचरे और प्लास्टिक का बढ़ता उपयोग।
वर्षा जल का संरक्षण न होना: वर्षा जल संचयन की कमी से पानी का अपव्यय।
जल संरक्षण के उपाय
जल संरक्षण के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting): छतों से वर्षा जल को संग्रहित कर भूजल स्तर को बढ़ाया जा सकता है।
पानी के दोबारा उपयोग को बढ़ावा: जैसे कपड़े धोने के पानी का उपयोग पौधों में।
फसल चक्र अपनाना: सूखा प्रतिरोधी फसलों को प्राथमिकता देना।
जल स्रोतों की सफाई: नदियों, तालाबों और झीलों को कचरे से मुक्त रखना।
सामुदायिक जागरूकता: लोगों को जल संरक्षण के महत्व के बारे में शिक्षित करना।
विश्व जल दिवस कैसे मनाया जाता है: इस दिन, विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा जल संरक्षण, स्वच्छता और जल प्रबंधन के महत्व पर जागरूकता फैलाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। स्कूलों, कॉलेजों और समुदायों में सेमिनार, वर्कशॉप और रैलियों का आयोजन किया जाता है ताकि लोगों को जल के महत्व और उसके सतत उपयोग के प्रति संवेदनशील बनाया जा सके।
अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।