नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों को न केवल अपनी जड़ों से जोड़ेगी बल्कि उसे 'ग्लोबल सिटीजन' बनने का भी पूरा सामर्थ्य देगी।
मोदी ने शनिवार को यहां लाल किले के प्राचीर से 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत, आधुनिक भारत और नए भारत बनाने के साथ-साथ समृद्ध एवं खुशहाल भारत बनाने में देश की शिक्षा का बहुत बड़ा महत्व है। इसी सोच के साथ तीन दशक के बाद एक नई शिक्षा नीति देने में हम सफल हुए हैं।
उन्होंने कहा कि इस शिक्षा नीति का देश के कोने-कोने से स्वागत के समाचार मिल रहे हैं और हमें नई ऊर्जा और विश्वास दे रहे हैं। यह शिक्षा नीति विद्यार्थियों को जड़ से जोड़ेगी, लेकिन साथ-साथ एक ग्लोबल सिटीजन बनाने का भी सामर्थ्य देगी। वह जड़ों से जुड़ा होगा लेकिन उसका सिर आसमान की ऊंचाइयों को छूता होगा।
मोदी ने नई शिक्षा नीति की विशेषताओं को रेखांकित करते हुए कहा कि इसमें राष्ट्रीय रिसर्च फाउंडेशन की भी बात कही गई है और नवाचार पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि देश को प्रगति करने के लिए नवाचार और शोध की जरूरत है। नवाचार से हमें जितना बल मिलेगा, उतनी ही हमारी ताकत बढ़ेगी।
कोरोना काल मे ऑनलाइन शिक्षा का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि हमने कभी सोचा था कि ऑनलाइन शिक्षा का गांव-गांव तक माहौल बन जाएगा। कोरोना काल में ऑनलाइन क्लासेस चर्चा का विषय बन गया है। कभी-कभी आफत में भी अवसर बन जाता है।