India-Pakistan Conflict : सिंधु जलसंधि रद्द होने पर प्यासे पाकिस्तान के लिए आगे आया चीन, क्या है Mohmand Dam परियोजना

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

बुधवार, 21 मई 2025 (20:15 IST)
Mohmand Dam Project: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जलसंधि रद्द कर दिया था। इससे पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है। प्यासे पाकिस्तान की मदद के लिए अब चीन आगे आया है। दरअसल, पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद सिंधु जल संधि को सस्पेंड करने के बाद भारत को मिलने वाले पानी का अधिकतम इस्तेमाल करने की कोशिश के तहत मोदी सरकार चिनाब नदी पर रणबीर नहर की लंबाई बढ़ाने की योजना पर विचार कर रही है। हमेशा की तरह चीन को एक बार फिर यहां अपना फायदा दिखा और वह पाकिस्तान की प्यास बुझाने पहुंच गया।  
ALSO READ: बदनामी छुपाने के लिए Pakistan ने भारत पर फिर लगाया आरोप
सिंधु जल संधि पाकिस्तान के लिए क्यों जरूरी
चीन पाकिस्तान की मोहमंद बांध परियोजना को पूरा कराने में युद्धस्तर पर जुटा हुआ है। यह बांध पाकिस्तान के लिए एक बहुत जरूरी जलविद्युत और जल सुरक्षा परियोजना है। भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि को लेकर बढ़ते तनाव के बीच यह कदम चीन ने उठाया है।

सिंधु बेसिन की नदियां पाकिस्तान के 25 प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का समर्थन करती हैं और देश की खाद्य सुरक्षा को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। पाकिस्तान की 80 फीसदी खेती योग्य भूमि सिंधु प्रणाली के पानी पर निर्भर है। चीन मोहमंद बांध परियोजना को पाकिस्तान का 'प्रमुख राष्ट्रीय प्रोजेक्ट' बताया है और इसे जल्द पूरा करने की कोशिश कर रहा है। 

बांध से चीन को क्या फायदा
चीन का इसमें सिर्फ रणनीतिक फायदा ही नहीं है बल्कि इस डैम को बनाने की जिम्मेदारी चीन की सरकारी एजेंसी China Energy Engineering Corporation के पास है। चीन-पाक आर्थिक गलियारा (CPEC) के तहत कई बड़े प्रोजेक्ट पहले ही शुरू हो चुके हैं। मोहमंद बांध उसी योजना का विस्तार है। चीन भारत के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करना चाहता है। पाकिस्तान के ज़रिए चीन को अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक पहुंच मिलती है। साथ ही यह इलाका भारत की सीमा के बेहद पास है जो चीन की रणनीति को और मजबूत बनाता है। 
 
क्या है मोहमंद बांध परियोजना (What is the Mohmand dam project) 
मोहमंद बांध स्वात नदी पर बनाया जा रहा है, जो हिंदू कुश पर्वतों के ग्लेशियरों से निकलती है। यह एक बारहमासी नदी है, जो सुरम्य घाटियों और पहाड़ों से होकर बहती है और बाद में सिंधु में मिल जाती है। यह काम 2019 में शुरू हुआ था।  
 
पाकिस्तान को क्या होगा फायदा 
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार मोहमंद बांध का निर्माण चीन की सरकारी कंपनी चाइना एनर्जी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन कर रही है। जब यह बांध पूरी तरह से काम करेगा, तो यह 800 मेगावाट बिजली देगा और प्रतिदिन 300 मिलियन गैलन पानी पेशावर शहर को उपलब्ध कराएगा।
ALSO READ: भारत के 2 दुश्मन हुए एक, अब China ऐसे कर रहा है Pakistan की मदद
पानी को लेकर पाकिस्तान में भड़की हिंसा
 पानी की समस्या को लेकर पाकिस्तान में स्थिति गंभीर होती जा रही है। प्रांतीय और केंद्र सरकार के बीच खींचतान, जनता में आक्रोश और हिंसा देश को अस्थिरता की ओर धकेल रही है। पाकिस्तान में पानी को लेकर पंजाब और सिंध प्रांत के बीच विवाद गहराता जा रहा है। गर्मी के कारण पानी की किल्लत ने इस विवाद को और भी गंभीर बना दिया है। इस विवाद के चलते सिंध प्रांत के लोग सड़कों पर उतर आए।

प्रदर्शनकारियों ने सिंध के गृहमंत्री जियाउल हसन लंजर के घर पर हमला कर दिया और उसमें आग लगा दी। गार्ड्स पर भी हमला करने की कोशिश की गई। जवाब में गार्ड्स ने हवाई फायरिंग की। सिंध के नौशहरो फिरोज जिले के मोरो तालुका में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई। ‘द ट्रिब्यून एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक हिंसा में दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। पुलिस ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरने को रोकने के लिए बल प्रयोग किया। इनपुट एजेंसियां Edited by: Sudhir Sharma

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी