1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पूर्व पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) स्थित गंगासागर में एक भीषण लड़ाई लड़ी गई। तब भारत की 14 गार्ड्स रेजीमेंट को गंगासागर क्षेत्र में किलाबंदी किए हुए पाकिस्तानी सैनिक अड्डे पर कब्ज़ा करने का कार्य सौंपा गया। भारतीय सैनिकों ने योजनाबद्ध तरीके से 3 दिसंबर 1971 की सुबह के 2 बजे सैनिक कार्रवाई शुरू की। शत्रु की भारी गोलाबारी के बीच, बंकरों को ध्वस्त करते हुए वे अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते चले गए।
उनके लक्ष्य के करीब पहुंचने पर पाकिस्तानी सैनिकों ने एक अतिसुरक्षित दुमंज़िला इमारत से गोलाबारी कर बड़ी संख्या में भारतीय सैनिकों को हताहत कर दिया। 5 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तानी सेना से निपटने के लिए भारतीय नौसेना ने 'ऑपरेशन ट्राइडेंट' चलाया था। नौसेना ने कराची बंदरगाह पर पहला मिसाइल हमला किया। इसके बाद नौसेना ने पाकिस्तानी जहाज 'खैबर' को नष्ट कर दिया।
भारत के युद्धपोत 'वीर' ने पाकिस्तानी माइनस्वीपर 'मुहाफिज' को भी खत्म कर दिया और कराची तेल भंडार को भी तबाह कर दिया। इस युद्ध में न सिर्फ पाकिस्तान की हार हुई, बल्कि वह 2 टुकड़ों में बंट गया। इस युद्ध के बाद बांग्लादेश के नाम से एक अलग देश बना। यह युद्ध करीब 13 दिनों तक चला।