विधि : गेहूँ के मोटे आटे को छान लें। तत्पश्चात उसमें नमक, अजवाइन और घी का मोयन देकर अच्छी तरह मिलाकर कड़ा आटा गूँध लें। इसे गूँधने के बाद एकाध घंटा ढँककर रख दें। अब तैयार आटे की मोटी लोई बनाकर बिना पलोथन लगाए मोटी रोटी बेल लें।
अब रोटी के किनारों पर हाथ से गुछिए की तरह डिजाइन बना दें। बाद में चम्मच या चाकू की सहायता से रोटी के मध्य में चार-पाँच जगह छेद कर दें। फिर इस रोट को तवे पर अधपके सेंक कर चूल्हे पर धीमी आँच में अच्छी तरह से सेंक लें। दोनों ओर से अच्छी तरह सेंकने के बाद ज्यादा घी लगाकर सर्व करें।
यह एक स्पेशल व्यंजन है, जो सभी जैन परिवारों के रोटतीज के दिन यानी हरतालिका तीज के दिन ही बनाया जाता है। इस दिन रोट के साथ स्पेशली तुरई की सब्जी व चावल की खीर ही बनाई जाती है, जिसका जैन समाज में बहुत महत्व है।