Gangaur Food : 11 अप्रैल को गणगौर का पावन पर्व है। गणगौर एक धार्मिक त्योहार है, जो मां पार्वती और भगवान शिव के दिव्य प्रेम को दर्शाता है। गणगौर की पूजा में गणगौर माता और ईशर जी की पूजा में तरह-तरह के भोग बनाए जाते हैं। यहां आपके लिए प्रस्तुत हैं कुछ खास भोग की विधियां-
विधि : गणगौर पर गुने बनाने के लिए सबसे पहले रवा-मैदा छान लें। आधा कप घी का मोयन लें और मीठा पीला रंग मिलाकर पूरी की तरह आटा गूंथ लें। थोड़ी बड़ा आकार की लोई लेकर चकले पर लंबी-गोल बत्ती जैसी बना लें। अब उसे चपटा करके दोनों सिरों को पानी की सहायता से गोलाकार में जोड़ दें।
अब एक कढ़ाई में घी गर्म करें और धीमी आंच पर सुनहरा होने तक तल लें। अब ठंडा करें, चीनी की 2 तार की चाशनी बनाएं, गुनगुनी चाशनी में तैयार गुने डालें और उलट-पलटकर 5 मिनट चाशनी में ही रहने दें। अब चाशनी से निकाल लें और छलनी पर ठंडा होने के लिए रख दें। अगर आप गणगौरी गुने को बड़े आकार में बनाना चाहती हैं तो 2-3 राउंड में घुमा लें और जलेबी का आकार देकर बनाएं। ये दिखने में और भी सुंदर लगेंगे तथा खाने में लजीज भी। अब तैयार गणगौरी गुने से पर्व मनाएं।
विधि : खीर बनाने से एक-दो घंटे पूर्व चावल धोकर पानी में गला दें। दूध को मोटे तले वाले बर्तन में लेकर गरम करके 10-15 उबाल लेकर पका लें। अब चावल का पूरा पानी निथार कर दूध में डाल दें। बीच-बीच में चलाती रहें। चावल पकने के बाद चीनी डालें और पूरी चीनी घुलने तक दूध को लगातार चलाती रहें। बीच में छोड़े नहीं।
जब खीर अच्छी तरह गाढ़ी हो जाए तब उसमें मेवे की कतरन, इलायची डालें। एक अलग कटोरी में थोड़ा-सा गरम दूध लेकर केसर 5-10 मिनट के लिए उसमें गला दें। तत्पश्चात केसर घोंट कर उबलती खीर में डाल दें। अब तैयार हो रही खीर की 5-7 उबाली लेकर आंच बंद कर दें। तैयार शाही खोया खीर से पर्व मनाएं।
विधि : एक कढ़ाई में घी गरम करें तथा आटा डालकर धीमी आंच पर गुलाबी होने तक सेंक लें। अब 2 कप गर्म पानी डालकर जल्दी-जल्दी चलाएं। थोड़ा गाढ़ा होने पर शकर मिलाएं और हिलाते रहें।
जब हलवा घी छो़ड़ने लगे, तब मेवे की कतरन और इलायची पाउडर बुरकाएं। ऊपर से केसर के लच्छे डालें। आंच बंद कर दें और तैयार शाही आटे के हलवे का भोग लगाएं।