पति के साथ बड़ा बेटा था, तकरीबन ३ साल का। आधी रात के करीब मेरे पेट में अचानक तेज दर्द उठा किसी तरह चैन नहीं आ रहा था। ऐसी कोई दवा थी नहीं मेरे पास जिससे दर्द में आराम मिलता। गाड़ी मुरादाबाद स्टेशन पर रुकी थी। जब कुछ समझ न आया तो T.T से आग्रह किया कि दो कोच आगे से मेरे पति को बुला दें। ठंड की वजह से सारे खिड़की-दरवाजे बंद थे, जिससे कितना बहूमुल्य समय नष्ट हो गया।