2050 तक भारत में होंगे दुनिया के सबसे ज्यादा मुसलमान! जानिए क्या होगी देश में हिन्दुओं की स्थिति

WD Feature Desk

सोमवार, 14 जुलाई 2025 (13:46 IST)
Muslim fastest growing religion: भारत, विविधताओं का देश, अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक बहुलता के लिए विश्वभर में जाना जाता है। हाल ही में प्यू रिसर्च सेंटर (Pew Research Center) द्वारा जारी एक रिपोर्ट ने भारत की भविष्य की धार्मिक जनसांख्यिकी को लेकर एक महत्वपूर्ण चर्चा छेड़ दी है। इस रिपोर्ट के अनुसार, 2050 तक भारत दुनिया का ऐसा देश बन जाएगा जहाँ मुसलमानों की आबादी सबसे अधिक हो सकती है। यह आंकड़ा कई लोगों के मन में यह सवाल पैदा कर रहा है कि आखिर इस बदलाव का हिन्दुओं की स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ेगा? आइए, इस रिपोर्ट के निष्कर्षों को समझते हैं और इसके संभावित प्रभावों पर विचार करते हैं।

प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट 'द फ्यूचर ऑफ वर्ल्ड रिलीजन' (The Future of World Religions) और उसके बाद के विश्लेषणों में 2050 तक वैश्विक धार्मिक परिदृश्य में होने वाले बदलावों का विस्तृत अनुमान लगाया गया है। भारत के संदर्भ में, रिपोर्ट के कुछ प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:
मुस्लिम आबादी में वृद्धि: रिपोर्ट बताती है कि 2050 तक भारत में मुसलमानों की संख्या लगभग 31 करोड़ तक पहुँच सकती है, जिससे भारत इंडोनेशिया को पीछे छोड़कर दुनिया में सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश बन जाएगा।
उच्च प्रजनन दर मुख्य कारण: मुस्लिम आबादी में इस वृद्धि का मुख्य कारण उच्च प्रजनन दर बताया गया है।
हिन्दू आबादी की स्थिति: रिपोर्ट के अनुसार, 2050 तक भारत में हिन्दुओं की आबादी लगभग 1.3 अरब से 1.4 अरब तक पहुँच सकती है। हालांकि, कुल आबादी में हिन्दुओं का प्रतिशत 2010 के 80% से घटकर 2020 में 79% और 2050 तक लगभग 79% के आसपास स्थिर रहने का अनुमान है। इसका अर्थ है कि हिन्दू अभी भी देश में बहुसंख्यक बने रहेंगे, लेकिन उनकी प्रतिशत हिस्सेदारी में मामूली गिरावट आ सकती है।
वैश्विक परिदृश्य: वैश्विक स्तर पर, मुस्लिम समुदाय 2010 से 2020 के बीच सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला धार्मिक समूह बनकर उभरा है, और 2050 तक ईसाई और मुस्लिम आबादी लगभग बराबर होने का अनुमान है।

जनसांख्यिकीय बदलाव और उसके निहितार्थ
जनसांख्यिकीय बदलाव एक जटिल प्रक्रिया है जो विभिन्न सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक कारकों से प्रभावित होती है। प्रजनन दर, मृत्यु दर, आयु संरचना और प्रवास जैसे कारक जनसंख्या के आकार और संरचना को निर्धारित करते हैं। भारत में, सभी धार्मिक समूहों में प्रजनन दर में गिरावट देखी गई है, लेकिन मुसलमानों में यह गिरावट धीमी रही है, जिससे उनकी जनसंख्या वृद्धि दर हिन्दुओं की तुलना में अधिक रही है।

क्या होगी भारत में हिन्दुओं की स्थिति
रिपोर्ट के आंकड़ों से स्पष्ट है कि 2050 में भी हिन्दू भारत में सबसे बड़ा धार्मिक समूह बने रहेंगे। हालांकि, प्रतिशत हिस्सेदारी में कमी और मुस्लिम आबादी में वृद्धि निश्चित रूप से सामाजिक और राजनीतिक विमर्श का विषय रहेगी।

 

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