‘ऑपरेशन महादेव’, जानिए कैसे मिला सेना के अभियान को यह कोड नेम, क्या है महत्व

WD Feature Desk

मंगलवार, 29 जुलाई 2025 (13:47 IST)
why military choose name operation mahadev : जम्मू-कश्मीर में आतंक के खिलाफ भारतीय सेना का 'ऑपरेशन महादेव' हाल ही में एक बड़ी सफलता के साथ संपन्न हुआ है। इस अभियान के तहत सेना ने पहलगाम आतंकी हमले के मास्टरमाइंड सुलेमान शाह सहित तीन आतंकियों को मार गिराया। यह कार्रवाई न केवल आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ता को दर्शाती है, बल्कि इस ऑपरेशन के नामकरण के पीछे भी एक गहरा सामरिक और आध्यात्मिक महत्व छिपा है। आइए जानते हैं कि इस महत्वपूर्ण अभियान को 'ऑपरेशन महादेव' का नाम क्यों दिया गया।

ऑपरेशन महादेव: आतंक पर निर्णायक प्रहार
हाल ही में, अमरनाथ यात्रा के बीच जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में सुरक्षाबलों ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की। श्रीनगर के बाहरी इलाके में स्थित दाचीगाम जंगल के ऊपरी इलाकों में भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ ने एक संयुक्त अभियान चलाया। खुफिया सूचना के आधार पर शुरू किए गए इस 'कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन' (CASO) में, सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया। मारे गए आतंकियों में पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का टॉप कमांडर हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान शाह भी शामिल था। यह पहलगाम में हुए नरसंहार के बाद आतंक के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों की एक बड़ी जवाबी कार्रवाई थी। इस ऑपरेशन को सावन के पवित्र महीने में अंजाम दिया गया, जिसने इसके प्रतीकात्मक महत्व को और बढ़ा दिया।

'ऑपरेशन महादेव' नाम देने के पीछे मुख्य कारण
इस अभियान को 'ऑपरेशन महादेव' नाम देने के पीछे मुख्य कारण श्रीनगर में न्यू थीड के नजदीक मौजूद 'महादेव पीक' (महादेव चोटी) है, जो जबरवान रेंज का एक हिस्सा है।
सामरिक महत्व: यह चोटी जबरवान माउंटेन रेंज की एक प्रमुख शिखर है। यहां से लिडवास और मुलनार दोनों दिखाई देते हैं, जिससे यह इलाका सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है। यह क्षेत्र घने जंगलों और ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी रास्तों से घिरा है, जहां आतंकवादी अक्सर छिपने के लिए बंकर बनाते हैं। इस चोटी पर नियंत्रण आतंकियों की गतिविधियों पर नजर रखने और उन्हें बेअसर करने के लिए महत्वपूर्ण है।

आध्यात्मिक महत्व: इस इलाके को स्थानीय स्तर पर काफी पवित्र माना जाता है। महादेव चोटी को कश्मीरी पंडित भगवान शिव का निवास मानते हैं। यह एक लोकप्रिय ट्रेकिंग रूट भी है। सावन के महीने में इस पवित्र महादेव पीक के पास ऑपरेशन को अंजाम दिया गया, जिसने इसके नामकरण को और भी प्रासंगिक बना दिया।

हिंदू पौराणिक कथाओं में भगवान शिव को 'महादेव' कहा जाता है, जो समस्त ब्रह्मांड के संचालन में अहम भूमिका निभाते हैं। वे संहार के देवता हैं, जो बुराई का नाश करते हैं और न्याय का प्रतीक हैं। ऐसे में, पहलगाम में हुए नरसंहार के बाद शुरू हुए इस ऑपरेशन का नाम 'महादेव' रखा जाना केवल एक प्रतीक नहीं, बल्कि एक संदेश था कि अब आतंक को जड़ से खत्म कर दिया जाएगा। यह नाम उन निर्दोषों की आत्मा को श्रद्धांजलि भी है जिनकी हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया था।
 
'ऑपरेशन महादेव' भारतीय सेना के शौर्य, रणनीति और आतंकवाद के खिलाफ उसकी दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इस अभियान को महादेव पीक के सामरिक और आध्यात्मिक महत्व के कारण यह नाम दिया गया, जो भगवान शिव की संहारक और कल्याणकारी शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। यह ऑपरेशन न केवल पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड को खत्म करने में सफल रहा, बल्कि इसने यह संदेश भी दिया कि भारत आतंक के खिलाफ हर स्तर पर निर्णायक कार्रवाई करने को तैयार है, ताकि जम्मू-कश्मीर में शांति और सुरक्षा बनी रहे।
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