कुंभ मेला, दान की सूची

FILE
तीर्थराज प्रयाग में स्नान, दान और यज्ञ का बड़ा महत्व है। पुराणों में कहा गया है कि गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर किया गया दान परलोक में या जन्म-जन्मांतर तक कई गुना होकर दानकर्ता को प्राप्त होता है। प्रयाग के तीर्थ पुरोहित, श्रद्धालु यात्रियों को चौरासी लाख योनियों में जन्म लेने से मुक्ति दिलाने के लिए उन्हें चौरासी वस्तुओं का दान करने को कहते हैं। प्रस्तुत है चौरासी दान की सूची।


वस्त्रः- धोती, कुर्ता, टोपी, अंगोछा, बनियान, ओढ़नी, पगड़ी।

बिस्तरः- पलंग (चारपाई), दरी, मसनद, मसहरी, रजाई, गद्‌दा, तकिया, कम्बल।

घरेलू सामानः- आसन, चौकी, हाता, जूता, लालटेन, चंवर, खड़ाऊं, चूल्हा, थाली, लोटा, बटुआ, गिलास, कटोरा, रस्सी, बाल्टी, चकला, बेलन, तवा, चिमटा, कलहुल, संडासी, कड़ाही, पंचपात्र, आचमनी, गोमुखी, माला, पंखा, चंदन, चम्मच, होरसा, (चंदन घिसने के लिए) दीवट, कलश।

वाहनः- घोड़ा, हाथी, पालकी, (कार वगैरह)।

श्रंगार सामग्रीः- साबुन, तेल, शीशा, कंघा, मंजन।

ताम्बूल सामग्रीः- पानदान, कत्था, सुपारी, सरौता, लौंग, इलायची, पीकदान।

सोने-चांदी के सामानः- सोने के जेवर, चांदी के जेवर, सोने की प्रतिमा, चांदी की प्रतिमा।

अन्य सामग्रीः- नारियल, फल, सब्जी, आटा, नमक, दाल, चावल, घी, जौ, गुड़, कमण्डल, घड़ी, हल्दी।

विशेष दानः- गोदान, भूमिदान, भवनदान।

- वेबदुनिया संदर्भ

वेबदुनिया पर पढ़ें