इलाहाबाद कुंभ मेला। कुंभ मेले के दौरान साधुओं के अखाड़ों द्वारा पर्व और तिथि विशेष के अवसर पर किए जाने वाले स्नान को शाही स्नान कहा जाता है। इसे महा स्नान भी कह सकते हैं और इसे स्नान की महत्वपूर्ण तिथियां भी कह सकते हैं। शाही इसलिए की साधु-संत राजशाही तरीके से स्नान करते हैं।
14 जनवरी को हुए प्रथम शाही स्नान में अधिकृत रूप से 82 लाख लोगों ने स्नान किया जबकि माना जा रहा है कि एक करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं।- Shahi Snan Mahakumbh 2013
दुर्लभ नजारा : साधुओं के गंगा में नहाते हुए देखना दुर्लभ नजारा होता है। इसे देखने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु और पत्रकार आते हैं। दुनियाभर के कैमरे लगे होते हैं। संतों के स्नान के बाद आम लोगों द्वारा स्नान किया जाने का नजारा भी दुर्लभ होता है।
शाही स्नान की तैयारी : मुख्य शाही स्नान को लेकर मेला प्रशासन एवं पुलिस अधिकारियों ने अखाड़ा परिषद एवं संतों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर सभी तरह की व्यवस्था और स्नान की प्राथमिकताओं को समझ लिया है।
पहले कौन सा अखाड़ा स्नान करेगा, इसमें परंपरा अनुसार तय है। संतों के स्नान का वक्त और आमजनों के स्नान के वक्त क्या होगा यह भी तय कर लिया गया है। इस दौरान किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने अपनी सारी तैयारियां कर ली है।
श्रद्घालुओं को गंगा स्नान के लिए घाटों तक पहुंचने के लिए एकल मार्ग निर्धारित कर दिए गए हैं। प्रशासन द्वारा शुरू की गई इस कवायद के पीछे अत्यधिक भीड़ के इलाहाबाद पहुंचने को दृष्टिगत रखते हुए किया जा रहा है। शहर के भीतर एवं हाई-वे पर भीड़ से जाम न लगे इसके लिए भी इंतजाम करने की बात कही गई है।
शाही स्नान की तिथियां Shahi Snan : इस कुंभ में शाही स्नान की पांच तिथियां हैं- पहली 14 जनवरी मकर संक्रांति के दिन, दूसरी 27 जनवरी पौष पूर्णिमा के दिन, तीसरी 10 फरवरी मौन अमावस्या के दिन, चौथी 15 फरवरी बसंत पंचमी के दिन और पांचवी 25 फरवरी माघी पूर्णिमा के दिन।
इस मुख्य स्नान तिथियों पर सूर्योदय के समय रथ और हाथी पर संतों के रंगारंग शाही जुलूस का भव्य आयोजन होता है। पवित्र गंगा नदी में संतों द्वारा डुबकी लगाई जाती है।