महाकुंभ में आने वाले 13 अखाड़ों ने भी आगमन शुरू कर दिया है। जूना अखाड़े का संगम नगरी में प्रवेश हो चुका है। साधु-संतों को भी इस बार के महाकुंभ से बड़ी उम्मीदें हैं। महाकुंभ में विकास सिर्फ संगम तट के किनारे ही नहीं बल्कि पूरे संगम नगरी में दिखाई दे रहा है। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, सड़कें, चौराहे, बिजली के खंभे, होटल से लेकर हर उस चीज़ को दुरुस्त किया जा रहा है, जिससे महकुम्भ में आने वालों को असुविधा न हो। 2019 में अर्ध कुंभ का आयोजन हुआ था, जिसका नाम सरकार ने कुंभ कर दिया था। इस बार 12 साल में लगने वाला महाकुंभ आयोजित होगा।
ALSO READ: अगला कुंभ मेला कब और कहां लगेगा?